
🕉 श्री गणेशाय नमः, जय श्री कृष्ण
सब सुखी व स्वस्थ रहें 🌱🌹
विक्रम संवत 2081
संवत्सर नाम: कालयुक्त
संवत्सर राजा: मंगल
संवत्सर मंत्री: शनि
ऋतु: हेमंत
सूर्य: दक्षिणायन
सूर्य उदय: प्रातः 6:46
सूर्य अस्त: सायं 5:25
तिथि: कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि
अंग्रेजी दिनांक: 12 नवम्बर 2024
दिन: मंगलवार
🌕 चंद्रमा: मीन राशि में
🥳 राशि स्वामी: गुरु
आज का नक्षत्र:
- पूर्व भाद्रपद (प्रात: 7:52 तक)
- उत्तर भाद्रपद (प्रात: 7:52 से लेकर रात 12/13 तक)
नक्षत्र स्वामी: गुरु/शनि
चंद्रमा का नक्षत्र प्रवेश:
- प्रात: 7:52 से उत्तर भाद्रपद नक्षत्र के चरण 1 में
- दोपहर 1:19 से उत्तर भाद्रपद नक्षत्र के चरण 2 में
- सायं 4:46 से उत्तर भाद्रपद नक्षत्र के चरण 3 में
- रात्रि 12:13 से उत्तर भाद्रपद नक्षत्र के चरण 4 में
विशेष योग:
- हर्षण योग: सायं 7:08 तक
- वज्र योग: सायं 7:08 से बाद
🪴 हरि प्रबोधिनी एकादशी व्रत, तुलसी विवाह, भीष्म पंचक, चातुर्मास व्रत नियम समाप्त
शुभ दिशा: दक्षिण-पूर्व
दिशा शूल: उत्तर दिशा की ओर यात्रा करने से बचें, यदि अत्यंत आवश्यक हो तो गुड़ खाकर यात्रा करें।
आज की ग्रह स्थिति:
- सूर्य: तुला राशि, चित्रा-विशाखा नक्षत्र चरण 2 में (नक्षत्र स्वामी गुरु), रात 12:03 से चरण 3 में प्रवेश करेगा
- मंगल: कर्क राशि, पुष्य नक्षत्र चरण 2 में (नक्षत्र स्वामी शनि)
- बुद्ध (मार्गी, अस्त): वृश्चिक राशि, ज्येष्ठा नक्षत्र चरण 1 में (नक्षत्र स्वामी बुध)
- गुरु (वक्री): वृष राशि, मृगशिरा नक्षत्र चरण 1 में (नक्षत्र स्वामी मंगल)
- शुक्र: धनु राशि, मूल नक्षत्र चरण 2 में (नक्षत्र स्वामी केतु), सायं 5:27 से चरण 3 में प्रवेश करेगा
- शनि (वक्री): कुंभ राशि, शतभिषा नक्षत्र चरण 4 में (नक्षत्र स्वामी राहु)
- राहु: मीन राशि, उत्तर भाद्रपद नक्षत्र चरण 2 में (नक्षत्र स्वामी शनि)
- केतु: कन्या राशि, उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र चरण 4 में (नक्षत्र स्वामी सूर्य)
राहु काल:
दोपहर 2:46 से सायं 4:07 तक। इस समय कोई भी शुभ कार्य या नया काम न करें।
दैनिक लग्न सारणी:
- प्रात: 7:04 तक: तुला
- 9:22 तक: वृश्चिक
- 11:26 तक: धनु
- दोपहर 1:09 तक: मकर
- 2:37 तक: कुम्भ
- सायं 4:01 तक: मीन
- 5:37 तक: मेष
- 7:32 तक: वृष
- रात्रि 9:46 तक: मिथुन
- 12:07 तक: कर्क
- 2:25 तक: सिंह
- 4:41 तक: कन्या
नोट: आज का दिन विशेष रूप से हर्षण योग में रहेगा, जो शुभ कार्यों के लिए अनुकूल है। हालांकि, राहु काल के दौरान कोई भी महत्वपूर्ण कार्य करने से बचना चाहिए। चंद्रमा का उत्तर भाद्रपद नक्षत्र के साथ प्रभावी समय है, जो आध्यात्मिक उन्नति और शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त है।