लेकिन सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है।
झज्जर, हरियाणा: एचटीलाइन के मुआवजे के मामले को लेकर छारा टोल पर हजारों किसान एकत्रित हुए हैं और सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि वह कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रही है। किसानों का यह आंदोलन पिछले एक साल से चल रहा है, और अब उन्होंने दिल्ली कूच करने का निर्णय लिया है।
किसान औचंदी बॉर्डर पर एकत्र होकर राजघाट की ओर बढ़ेंगे, जहां उनका मुख्य उद्देश्य देश के किसानों को आंदोलन का संदेश देना है। किसानों का कहना है कि उन्होंने शांति के साथ अपनी बात रखने की कोशिश की है, लेकिन सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है।
किसानों की मांगें
अधिकृत जमीन का मुआवजा मार्किट भाव से दिया जाए।
किसानों की प्रमुख मांग है कि एचटीलाइन के लिए अधिकृत जमीन का मुआवजा मार्किट भाव से दिया जाए। उनका कहना है कि सरकार की अनदेखी से उन्हें अत्यधिक नुकसान हो रहा है, और उनके हक के लिए यह लड़ाई आवश्यक है।
किसानों ने हरियाणा के मुख्यमंत्री से तीन दौर की वार्ता की है, लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं निकला है। किसानों का कहना है कि उनकी आवाज को सुनने की बजाय सरकार उनकी स्थिति का फायदा उठा रही है और उन्हें हल्के में ले रही है।
आंदोलन का संदेश
आंदोलन सिर्फ उनकी ही नहीं, बल्कि देश भर के किसानों की आवाज है।
किसान नेताओं का मानना है कि यह आंदोलन सिर्फ उनकी ही नहीं, बल्कि देश भर के किसानों की आवाज है। राजघाट पहुंचकर वे अपने आंदोलन को देशव्यापी बनाने की कोशिश करेंगे और सरकार से मांग करेंगे कि उसे उनके हक के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
किसानों ने स्पष्ट किया है कि वे बिना मुआवजे के अपनी जमीन का उपयोग नहीं करने देंगे और इस लड़ाई को तब तक जारी रखेंगे जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जातीं।
किसानों का यह आंदोलन जिस तेजी से आगे बढ़ रहा है,
किसानों का यह आंदोलन जिस तेजी से आगे बढ़ रहा है, उससे यह स्पष्ट है कि वे अपनी मांगों को लेकर कृतसंकल्प हैं। अब देखना यह है कि क्या सरकार उनके उचित मुआवजे की मांग पर ध्यान देती है या संघर्ष और बढ़ता है।