
ग्रेटर नोएडा उत्तर प्रदेश, 15 नवंबर 2024 – आनंद स्पेक्ट्रम हॉस्पिटल में एक सात वर्षीय बच्चे, युधिष्ठिर, की बाईं आंख का ऑपरेशन करने के बाद परिजनों द्वारा 45 हजार रुपये के बिल और ऑपरेशन में गलत आंख का चयन करने का आरोप लगाया गया है। परिवार के मुताबिक, ऑपरेशन के बाद बच्चे के शरीर में लाल रंग के चकत्ते दिखाई दिए, और घर वापस लाने के बाद उसे उल्टियां भी होने लगीं। इसके अलावा, अस्पताल द्वारा लगाए गए बिल को लेकर भी परिवार ने सवाल उठाए हैं।
ऑपरेशन के बाद स्वास्थ्य में गड़बड़ी
नितिन भाटी, युधिष्ठिर के पिता, ने बताया कि एक सप्ताह पहले बेटे की बाईं आंख में परेशानी होने के बाद वे गामा-1 स्थित आनंद स्पेक्ट्रम हॉस्पिटल गए थे। डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी, और बेटे को एनस्थीशिया (एनेस्थीसिया) दिया गया। नितिन भाटी के अनुसार, ऑपरेशन के एक मिनट बाद ही डॉक्टर बाहर आकर बोले कि ऑपरेशन सफल रहा। लेकिन, ऑपरेशन के बाद बेटे के शरीर में लाल चकत्ते उभर आए और उसे चार-पांच बार उल्टियां भी हो चुकी थीं।
45 हजार रुपये का बिल
परिवार का आरोप है कि ऑपरेशन के बाद उन्हें अचानक 45 हजार रुपये का बिल थमा दिया गया। नितिन भाटी ने कहा कि इतनी जल्दी ऑपरेशन पूरा होने के बाद यह बिल बहुत ज्यादा है। वे इस राशि को लेकर शक में हैं, क्योंकि ऑपरेशन के दौरान कुछ असामान्य घटनाएं हुईं।
अस्पताल की सफाई
इस मामले में अस्पताल की डॉ. प्रतिभा ने आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि 45 हजार रुपये लेने का आरोप निराधार है और सही इलाज के लिए केवल 8,000 रुपये का खर्च आया था। इसके अलावा, अस्पताल ने 500 रुपये की छूट भी दी थी। डॉ. प्रतिभा ने यह भी कहा कि बच्चे के पेट पर जो लाल चकत्ते उभरे हैं, वो विकृति (reactions) हो सकते हैं, लेकिन यह मानवीय भूल नहीं बल्कि इलाज के दौरान हुए अस्थायी प्रभाव हो सकते हैं।
किसी अन्य चिकित्सक से सलाह ले रहे हैं परिजन
बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर परिजन काफी चिंतित हैं और दूसरे डॉक्टरों से सलाह ले रहे हैं। नितिन भाटी ने बताया कि उन्होंने सीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) से फोन पर बात की है और शनिवार को वे पूरे मामले की लिखित शिकायत करेंगे। इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल के चिकित्सक ने उन्हें धमकी दी और बीटा-2 पुलिस पर मुकदमा दर्ज करने का दबाव डाला।
अस्पताल प्रबंधन की स्थिति
अस्पताल प्रबंधन ने हालांकि आरोपों को खारिज किया और कहा कि उपचार के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं की गई। अस्पताल का कहना है कि वे मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं और उचित कदम उठाएंगे।
मुख्यमंत्री से शिकायत की योजना
परिवार का कहना है कि वे इस मामले में अपनी शिकायत को उच्च अधिकारियों और मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचाएंगे ताकि इस तरह के मामलों पर कड़ी कार्रवाई हो सके और मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके।
लापरवाही और समान्य मरीजों के साथ होने वाली त्रुटियों को उजागर करता है,
यह मामला अस्पतालों में इलाज से जुड़ी लापरवाही और समान्य मरीजों के साथ होने वाली त्रुटियों को उजागर करता है, जो इलाज के दौरान गंभीर परिणामों का कारण बन सकती हैं। इस मामले में अस्पताल की सफाई और मामले की जांच के बाद ही वास्तविक स्थिति का पता चलेगा।