
भड़के भाजपा नेता कपिल मिश्रा
नई दिल्ली, 16 नवंबर: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के एक बयान पर विवाद बढ़ता जा रहा है। ओवैसी ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि अगर देश में मुसलमानों को खतरा हुआ तो वे सिर्फ “15 मिनट” में अपनी ताकत दिखा सकते हैं। इस बयान के बाद, भाजपा नेताओं ने उन्हें आड़े हाथों लिया है। भाजपा नेता और पूर्व दिल्ली विधायक कपिल मिश्रा ने ओवैसी के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
ओवैसी का विवादास्पद बयान:देश की एकता और अखंडता के लिए खतरे के रूप में देखा है।
असदुद्दीन ओवैसी ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा था, “मुसलमानों को अगर कभी भी कोई खतरा हुआ तो वे 15 मिनट में अपनी ताकत दिखा सकते हैं।” ओवैसी के इस बयान को लेकर उनके समर्थकों और विपक्षी नेताओं के बीच तीखी बहस छिड़ गई है। जहां एक ओर ओवैसी के समर्थक इसे उनके अधिकारों और मुसलमानों की सुरक्षा के लिए एक संदेश मानते हैं, वहीं विपक्षी दलों और भाजपा नेताओं ने इसे देश की एकता और अखंडता के लिए खतरे के रूप में देखा है।
कपिल मिश्रा का जवाब:भारत के मुसलमानों को किसी से डरने की जरूरत नहीं है।
ओवैसी के बयान पर भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ओवैसी पर हमला बोलते हुए कहा, “असदुद्दीन ओवैसी को यह समझना होगा कि भारत के मुसलमानों को किसी से डरने की जरूरत नहीं है। हम सब एक साथ रहते हैं और भारत के संविधान के तहत हमें समान अधिकार प्राप्त हैं। लेकिन ओवैसी का यह बयान देश के लोकतंत्र और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के खिलाफ है।” कपिल मिश्रा ने आगे कहा कि इस तरह के बयान देश के भीतर धार्मिक द्वेष और तनाव बढ़ाने का काम करते हैं और यह किसी भी नागरिक को भड़काने का प्रयास है।
सुरक्षा और एकता पर जोर:किसी भी समुदाय या समूह द्वारा हिंसा की धमकी देना स्वीकार्य नहीं है।
कपिल मिश्रा ने अपने बयान में यह भी कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और यहां हर नागरिक को अपनी धार्मिक आस्थाओं और विचारों के पालन का अधिकार है, लेकिन किसी भी समुदाय या समूह द्वारा हिंसा की धमकी देना स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए हर नागरिक को मिलकर काम करना होगा और ऐसी बयानबाजी से बचना होगा, जो समाज को बांटे।
ओवैसी के बयान पर राजनीति:ओवैसी के समर्थन में कुछ धर्मनिरपेक्ष ताकतें सामने आई हैं,
ओवैसी के बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में विवाद छिड़ गया है। जहां भाजपा और अन्य विपक्षी दलों ने उनके बयान की आलोचना की है, वहीं ओवैसी के समर्थन में कुछ धर्मनिरपेक्ष ताकतें सामने आई हैं, जो इसे उनके समुदाय की सुरक्षा और अधिकारों की बात मानती हैं। ओवैसी ने खुद इस बयान पर सफाई देते हुए कहा था कि उनका उद्देश्य किसी को धमकी देना नहीं था, बल्कि यह एक संदेश था कि मुसलमानों को किसी भी आपात स्थिति में अपनी आवाज उठाने का अधिकार है।
यह विवाद अब राजनीतिक दलों के बीच एक बड़ी बहस का कारण
असदुद्दीन ओवैसी के “15 मिनट” वाले बयान पर अब राजनीति और बयानबाजी का दौर तेज हो गया है। भाजपा नेता कपिल मिश्रा समेत अन्य नेताओं ने इसे देश की एकता के लिए खतरा बताया है, वहीं ओवैसी ने इसे मुसलमानों के अधिकारों और सुरक्षा से जोड़कर देखा है। यह विवाद अब राजनीतिक दलों के बीच एक बड़ी बहस का कारण बन गया है और आगामी दिनों में इस पर और भी चर्चा की संभावना है।