
हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर राजनीतिक समीकरण बदलने का खतरा
नई दिल्ली, 18 नवंबर: महाराष्ट्र चुनाव के बाद, हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर राजनीतिक समीकरण बदलने का खतरा उत्पन्न हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता कांग्रेस को तोड़ने की कोशिशों में जुट गए हैं, परंतु कांग्रेस पार्टी के मजबूत केंद्रीय नेतृत्व की वजह से हिमाचल कांग्रेस के नेताओं में भी आत्मविश्वास बढ़ा है।
भाजपा की जोड़-तोड़ की रणनीति , भाजपा के कुछ नेता पहले की तरह ही उन विधायकों के संपर्क में हैं
भाजपा के कुछ नेता पहले की तरह ही उन विधायकों के संपर्क में हैं, जो पहले सरकार को तोड़ने की कोशिशों में शामिल थे। ऐसे विधायकों ने फिर से भाजपा का हाथ थामने की संभावना जताई है। लेकिन कांग्रेस भी सावधान है और अपने नेताओं को ऐसी किसी भी कोशिश का सामना करने के लिए तैयार कर रही है। कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा इस स्थिति पर बनाए गए नज़र रख रही है।
न्यायालय के फैसले के बाद बढ़ी हलचल, आए हाई कोर्ट के फैसले के बाद राजनीति में उथल-पुथल मच गई है।
हिमाचल प्रदेश में हाल ही में मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) पर आए हाई कोर्ट के फैसले के बाद राजनीति में उथल-पुथल मच गई है। भाजपा ने निर्णय के बाद छह सीपीएस और कैबिनेट रैंक वाले तीन अन्य विधायकों की सदस्यता पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। इसके अलावा, भाजपा कांग्रेस के नौ विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए राज्यपाल के पास जाने की योजना बना रही है।
कांग्रेस की रणनीति, नौ विधायकों पर पूरी नज़र रखे हुए है जिनका मामला विधानसभा अध्यक्ष के पास लंबित है।
इसके विपरीत, कांग्रेस भाजपा के उन नौ विधायकों पर पूरी नज़र रखे हुए है जिनका मामला विधानसभा अध्यक्ष के पास लंबित है। एक बार फिर से राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति बनती दिखाई दे रही है। दोनों दल एक-दूसरे की कमजोरियों को भुनाने की कोशिश में लगे हुए हैं।
संभावित उपचुनाव का खतरा , हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर उपचुनाव की स्थिति बन सकती है।
राजनीतिक तनाव के कारण हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर उपचुनाव की स्थिति बन सकती है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी जंग तेज हो चुकी है, जिसमें हर पार्टी अपने-अपने दांव खेलने में जुटी है।
क्या भाजपा एक बार फिर सियासी खेल में भारी पड़ेगी
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि किस दल का दांव सफल होता है। क्या भाजपा एक बार फिर सियासी खेल में भारी पड़ेगी, या कांग्रेस अपनी स्थिति को मजबूती से बनाए रख पाएगी? हिमाचल प्रदेश की राजनीति में आने वाले दिनों में उठापटक जारी रह सकती है, जो प्रदेश के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। राजनीतिक रणभूमि में यह लड़ाई किस दिशा में जाएगी, यह देखना बाकी है।