
छोटे बच्चों के स्कूलों को भी बंद करने के लिए मजबूर कर दिया है।
चंडीगढ़, 18 नवंबर: देश की राजधानी दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा में भी प्रदूषण की स्थिति गंभीर होती जा रही है। हाल के दिनों में प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने न केवल स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दिया है, बल्कि छोटे बच्चों के स्कूलों को भी बंद करने के लिए मजबूर कर दिया है। इसके साथ ही, लोग अपने घरों से बाहर निकलने में भी कठिनाई महसूस कर रहे हैं।
प्रदूषण के बढ़ने से विशेषकर गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल और झज्जर जैसी जगहों पर
हरियाणा में जलने वाली कृषि पराली मुख्य रूप से प्रदूषण के बढ़ने का कारण बताई जा रही है। प्रदूषण के बढ़ने से विशेषकर गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल और झज्जर जैसी जगहों पर हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव: लोग सांस लेने में परेशानियों का सामना कर रहे हैं।
गुरुग्राम में, प्रदूषण स्तर इतना बढ़ गया है कि यहां के लोग सांस लेने में परेशानियों का सामना कर रहे हैं। खासकर दमा और खांसी के मरीजों के लिए यह स्थिति चिंताजनक है। डॉक्टरों ने सीनियर सिटीजन और दमा के मरीजों को घर में रहने की सलाह दी है ताकि उनकी सेहत को सुरक्षित रखा जा सके।
सरकार की नीति: सरकारी कार्यालयों में प्रदूषण नियंत्रण मशीनों की स्थापना
हालांकि सरकार ने प्रदूषण को काबू में करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं, जैसे कि सरकारी कार्यालयों में प्रदूषण नियंत्रण मशीनों की स्थापना, लेकिन ये प्रयास अपर्याप्त प्रतीत हो रहे हैं। सरकार का निष्क्रिय रहना लोगों के जीवन को संकट में डाल रहा है और लोगों में असंतोष बढ़ रहा है।
किसानों की भूमिका: गेहूं की फसल के लिए पराली जलाने की प्रथा को जारी रखे हुए हैं
किसान अपनी गेहूं की फसल के लिए पराली जलाने की प्रथा को जारी रखे हुए हैं, जिससे प्रदूषण और बढ़ रहा है। सरकार ने बार-बार किसानों को चेतावनियाँ दी हैं, लेकिन कुछ किसान मानने को तैयार नहीं हैं। उनकी प्राथमिकता अपनी फसल को सुरक्षित रखने में है, चाहे इसके लिए उन्हें पर्यावरण की कीमत चुकानी पड़े।
किसानों को विकल्प प्रदान करे ताकि पराली जलाने की प्रथा को समाप्त किया जा सके।
हरियाणा में प्रदूषण और स्वास्थ्य संकट को देखते हुए यह आवश्यक है कि सरकार ठोस कदम उठाए और किसानों को विकल्प प्रदान करे ताकि पराली जलाने की प्रथा को समाप्त किया जा सके। जन जागरूकता, सख्त नियम और वैकल्पिक समाधान ही इस समस्या के स्थायी हल की ओर ले जा सकते हैं। लोगों का जीवन और स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण है, और इसे सुरक्षित रखने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।