
चंडीगढ़, 20 नवंबर – दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते हुए प्रदूषण के मद्देनजर जिला प्रशासन और हरियाणा सरकार द्वारा कॉरपोरेट ऑफिस के कर्मचारियों और अधिकारियों से घरों से काम करने की अपील की गई है। प्रशासन का उद्देश्य यह है कि प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए सड़क पर वाहनों की संख्या कम हो, जिससे हवा में घातक प्रदूषक तत्वों की मात्रा घट सके। हालांकि, यह सवाल उठता है कि यह अपील कितनी प्रभावी होगी और क्या कॉरपोरेट ऑफिस और उनके कर्मचारी इस दिशा में सहयोग करेंगे?
वर्क फ्रॉम होम (घर से काम) की व्यवस्था को लागू करने में सक्षम होती हैं।
प्रशासन की अपील के बावजूद यह देखना होगा कि क्या सभी कंपनियां वर्क फ्रॉम होम (घर से काम) की व्यवस्था को लागू करने में सक्षम होती हैं। कई कंपनियों में इसकी व्यवस्था पहले से मौजूद नहीं है और कुछ कर्मचारियों के लिए घर से काम करना संभव नहीं हो सकता है। ऐसे में यह स्पष्ट नहीं है कि इस अपील का कितनी हद तक पालन किया जाएगा और प्रदूषण में कितना फर्क आएगा।
डीजल वाहनों और पुरानी बसों का बढ़ता प्रदूषण
वहीं, दिल्ली और हरियाणा में डीजल से चलने वाली पुरानी बसों और सरकारी वाहनों की स्थिति भी चिंताजनक है। दिल्ली और हरियाणा में कई सरकारी बसें 15 से 20 साल पुरानी हैं, जो बिना किसी रोक-टोक के सड़कों पर दौड़ रही हैं। इन वाहनों से निकलने वाला प्रदूषण पर्यावरण को और खराब कर रहा है। हालांकि, प्रशासन इन पुराने सरकारी वाहनों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है। जबकि, छोटे वाहनों को पुलिस द्वारा पकड़ने का सिलसिला जारी है, और उन पर चालान किया जा रहा है।
प्रशासन द्वारा इन पर कड़ी कार्रवाई नहीं की जा रही है।
इन पुराने सरकारी वाहनों के कारण प्रदूषण बढ़ता जा रहा है, लेकिन प्रशासन द्वारा इन पर कड़ी कार्रवाई नहीं की जा रही है। इससे स्थिति में कोई खास सुधार होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। अब यह देखना होगा कि दिल्ली और हरियाणा सरकार इन पुराने वाहनों को लेकर क्या कदम उठाती है और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए क्या ठोस कार्रवाई करती है।
अगर सरकार पुराने डीजल वाहनों और सरकारी बसों पर कार्रवाई नहीं करती है
प्रशासन की ओर से प्रदूषण को लेकर किए गए प्रयासों में वर्क फ्रॉम होम की अपील एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, लेकिन अगर सरकार पुराने डीजल वाहनों और सरकारी बसों पर कार्रवाई नहीं करती है, तो प्रदूषण की समस्या बनी रहेगी। सरकार को चाहिए कि वह इन पुराने वाहनों पर सख्त कार्रवाई करे ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके और स्थिति में सुधार हो सके।