
रिश्वत की मांग और झूठे मुकदमे दर्ज करने के मामलों में वृद्धि हो रही है।
फरीदाबाद, 22 नवंबर: हरियाणा सरकार भ्रष्टाचार पर लगातार प्रहार कर रही है, लेकिन पुलिस प्रशासन में भ्रष्टाचार का जहर लगातार पनपता जा रहा है। खासतौर पर फरीदाबाद और गुरुग्राम जैसे जिलों में पुलिस के थानों में तैनात कुछ अधिकारी बिना रिश्वत के कोई भी काम नहीं करते। यह न केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है, बल्कि आम जनता के लिए थानों का रुख करना भी मुश्किल बना देता है। ऐसे अधिकारियों द्वारा रिश्वत की मांग और झूठे मुकदमे दर्ज करने के मामलों में वृद्धि हो रही है।
सब इंस्पेक्टर अर्जुन सिंह को 12.50 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार
हाल ही में, फरीदाबाद के एनआईटी थाना क्षेत्र में तैनात सब इंस्पेक्टर अर्जुन सिंह को 12.50 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। एसीबी की टीम ने आरोपित से 7.47 लाख रुपए और बरामद किए, जो उसके द्वारा ली गई रिश्वत की राशि थी। अर्जुन सिंह ने एक व्यक्ति से झूठे मामले में फंसा कर उसे निपटाने के लिए रिश्वत की मांग की थी।
सब इंस्पेक्टर राम मौके से फरार
इस मामले में एक और आरोपी, सब इंस्पेक्टर राम, जो आरोपित के साथ मिलकर काम कर रहा था, मौके से फरार हो गया। एसीबी ने उसकी तलाश शुरू कर दी है।
पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार का यह बढ़ता स्तर अब सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रु जीत कपूर लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन विभाग के भीतर यह समस्या जड़ें जमाए हुए है, जिससे आम जनता के बीच सरकार की छवि प्रभावित हो रही है।
थानों में डर का नया कारण: रिश्वतखोरी
पहले लोग पुलिस थानों में डर से घबराते थे, लेकिन अब वे रिश्वत की मांग और अधिकारियों के पक्षपाती व्यवहार से घबराने लगे हैं। जब रिश्वत नहीं दी जाती, तो आरोपितों को झूठे मुकदमे में फंसाने और जेल भेजने की धमकियां दी जाती हैं। कई बार थाने में जाने पर मारपीट के झूठे मुकदमे भी दर्ज कर दिए जाते हैं।
ACB की सख्त कार्रवाई
हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई की और रिश्वत लेने वाले पुलिस अधिकारियों को पकड़ कर कड़ी कानूनी कार्रवाई की। ACB के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई एक सख्त संदेश देने के लिए की गई है, कि भ्रष्टाचार में शामिल कोई भी व्यक्ति चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, कानून से बच नहीं सकता। यह घटना यह भी साबित करती है कि यदि ऐसे मामलों में कोई शिकायत आती है, तो एसीबी तुरंत कार्रवाई करती है और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी नीति में कोई ढील नहीं देती।
सरकार की तरफ से यह संदेश साफ है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी, ताकि सार्वजनिक सेवाओं में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनी रहे।