
पार्षदों के पद पर चुनाव लड़ने वाले भी तैयार हो गए हैं।
चंडीगढ़, 22 नवंबर: हरियाणा में नगर निगम चुनावों की लंबे समय से चल रही प्रतीक्षा अब खत्म हो गई है। गुरुग्राम, फरीदाबाद, मानेसर, और पानीपत नगर निगमों के चुनाव की तैयारी पूरी कर ली गई है। इन चुनावों में एक बड़ा बदलाव यह है कि मेयर का चुनाव अब सीधे किया जाएगा, जिसका मतलब है कि नागरिकों को सीधे मेयर चुनने का अधिकार होगा। इसके साथ ही, पार्षदों के पद पर चुनाव लड़ने वाले भी तैयार हो गए हैं।
पिछले पांच वर्षों से हरियाणा में नगर निगम के चुनाव टाले जा रहे थे। इसका मुख्य कारण यह था कि सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को यह डर था कि यदि विधानसभा चुनाव से पहले नगर निगम चुनाव कराए गए और इन चुनावों में बीजेपी को जनता से कोई भारी झटका मिलता है, तो इसका असर विधानसभा चुनावों पर पड़ सकता है। अब, विधानसभा चुनाव को मात्र तीन महीने का समय बचा है और बीजेपी को तीसरी बार सत्ता में आए हुए भी लगभग एक साल हो चुका है, ऐसे में सरकार ने नगर निगम चुनाव कराने की तैयारी पूरी कर ली है।
गुरुग्राम, फरीदाबाद और मानेसर के चुनावों की खासियत
इन नगर निगम चुनावों में सबसे अधिक अहमियत गुरुग्राम, फरीदाबाद और मानेसर के चुनावों की है। खासकर मानेसर में नगर निगम गठन के बाद पहला चुनाव हो रहा है। मानेसर और गुरुग्राम, दक्षिणी हरियाणा के राजनीतिक और कारोबारी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण इलाके हैं। यहां के चुनावों में हिस्सा लेने वालों की संख्या भी अधिक है, क्योंकि यह क्षेत्र आर्थिक रूप से समृद्ध है और यहां पर चुनाव लड़ने वाले अधिकतर उम्मीदवार काफी संपन्न होते हैं।
गुरुग्राम और मानेसर में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की संख्या में अधिकतम खर्च होता है। दरअसल, नगर निगम चुनावों को मिनी सरकार का चुनाव माना जाता है, और इनमें विधानसभा और लोकसभा चुनावों से भी अधिक धनराशि खर्च की जाती है। इन नगर निगमों में विकास कार्यों के लिए राज्य और केंद्र सरकार का सबसे बड़ा बजट आवंटित किया जाता है। पहले पंचायतों पर अधिक खर्च होता था, लेकिन नगर निगमों के गठन के बाद से यह बजट शहरी क्षेत्रों पर खर्च होने लगा है।
मेयर का पद और उसकी महत्ता
हरियाणा में नगर निगम के मेयर का पद कैबिनेट मंत्री के पद के समान माना जाता है। इस कारण नगर निगम चुनावों की अहमियत विधानसभा और लोकसभा चुनावों से भी ज्यादा हो जाती है। इन चुनावों में जो मेयर चुनते हैं, वे शहर के विकास और योजनाओं के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार होते हैं।
नगर निगम चुनावों की राजनीतिक अहमियत
नगर निगम के चुनावों को लेकर राज्य और केंद्र सरकार दोनों की नजरें रहती हैं क्योंकि यह चुनाव शहरी विकास और नागरिक सेवाओं से जुड़ी महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू करने का मार्ग प्रशस्त करते हैं। हरियाणा में नगर निगम और नगर पालिका के चुनावों को विधानसभा चुनावों से भी अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इन चुनावों में जीतने वाली पार्टी को ‘मिनी सरकार’ का दर्जा प्राप्त होता है, और इनकी कार्यप्रणाली सीधे तौर पर हरियाणा के शहरी क्षेत्रों के विकास से जुड़ी होती है।
हरियाणा की शहरी राजनीति और विकास की योजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
नगर निगम चुनावों की तिथि की घोषणा के बाद, यह माना जा रहा है कि ये चुनाव हरियाणा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाएंगे। इसके परिणाम से ही आगामी विधानसभा चुनावों के परिणामों की दिशा का संकेत मिल सकता है। इन चुनावों में जो परिणाम आएंगे, वे हरियाणा की शहरी राजनीति और विकास की योजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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