वंचितों की सेवा का संकल्प ही हमारा सच्चा सामाजिक न्याय – मुख्यमंत्री
नई दिल्ली, 24 नवंबर – श्रीराम कथा की सबसे पहले रचना करने वाले आदि कवि महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती को हरियाणा में बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस उपलक्ष्य में जिला जींद के एकलव्य स्टेडियम में राज्य स्तरीय समारोह का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नरवाना में महर्षि वाल्मीकि भवन के लिए 51 लाख रुपये की राशि देने की घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने हिसार में छात्रवास बनाने के लिए भी मदद करने का आश्वासन दिया।
भगवान श्रीराम जी के भव्य एवं दिव्य मंदिर के निर्माण के साक्षी बने हैं
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महर्षि वाल्मीकि जी को नमन करते हुए कहा कि इस समारोह में आकर उन्हें बड़ी खुशी व गर्व की अनुभूति हो रही है। हमारा परम सौभाग्य है कि हम अयोध्या में भगवान श्रीराम जी के भव्य एवं दिव्य मंदिर के निर्माण के साक्षी बने हैं। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि जी वेदों के ज्ञाता और ब्रह्म ज्ञानी थे। उन्होंने मानवता को शोषितों व पीड़ितों के प्रति करूणा व दया भाव रखने, त्याग करने, बड़ों का आदर व आज्ञा का पालन करने का पाठ पढ़ाया , वे ऋषियों के ऋषि और योगियों के योगी थे।
राज्य सरकार ने अनुसूचित जातियों के आरक्षण के वर्गीकरण को किया लागू
नायब सिंह सैनी ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि जी ने रामायण में एक आदर्श शासक के लिए जो मर्यादाएं निर्धारित की, उनका पालन करते हुए हमारी सरकार हरियाणा प्रदेश के हर नागरिक के कल्याण व उत्थान के लिए कार्य कर रही है। महर्षि वाल्मीकि जी की शिक्षाओं, आदर्शों एवं सिद्धांतों के अनुरूप प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ओजस्वी मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने सबसे पहले वंचित व्यक्ति के उत्थान का काम किया है।
आरक्षित 20 प्रतिशत कोटे में से आधा अर्थात 10 प्रतिशत कोटा वंचित अनुसूचित जातियों के
उन्होंने कहा कि अपने चुनावी संकल्प पत्र के वायदे को पूरा करते हुए राज्य सरकार ने अनुसूचित जातियों के आरक्षण का दो वर्गों ‘वंचित अनुसूचित जाति’ और ‘अन्य अनुसूचित जाति’ में वर्गीकरण लागू किया है। सरकारी सेवाओं में सीधी भर्ती में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित 20 प्रतिशत कोटे में से आधा अर्थात 10 प्रतिशत कोटा वंचित अनुसूचित जातियों के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित किया गया है। यदि वंचित अनुसूचित जातियों के उपयुक्त उम्मीदवार उपलब्ध नहीं हैं, तो शेष रिक्त पदों को अन्य अनुसूचित जातियों के उम्मीदवारों में से भरा जाएगा। इसी प्रकार, यदि अन्य अनुसूचित जातियों के उपयुक्त उम्मीदवार उपलब्ध नहीं हैं, तो शेष रिक्त पदों को भरने के लिए वंचित अनुसूचित जातियों के उम्मीदवार पर विचार किया जाएगा। इससे पहले, सरकार ने अनुसूचित जातियों को प्रथम व द्वितीय श्रेणी के पदों में 20 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया।