भगवान राम और निषादराज की मूर्तियों का अनावरण किया जाएगा।
नई दिल्ली, 25 नवंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित श्रृंगवेरपुर धाम में भगवान राम और निषादराज की प्रतिमाओं का अनावरण करेंगे। इस महत्वपूर्ण आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ाने के लिए है, जहां भगवान राम और निषादराज की मूर्तियों का अनावरण किया जाएगा।
निषादराज क्रूज को वाराणसी से रवाना कर दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी के प्रयागराज दौरे से पहले भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) ने निषादराज क्रूज को वाराणसी से रवाना कर दिया है। यह क्रूज संगम तक पहुंचेगा, और इस यात्रा के लिए प्रशासनिक और सुरक्षा तैयारियाँ की गई हैं। IWAI अधिकारियों के अनुसार, प्रयागराज में इस आयोजन को लेकर सभी आवश्यक सुविधाएँ सुनिश्चित की गई हैं। इस आयोजन का उद्देश्य न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है, बल्कि भारतीय जलमार्ग के विकास और महत्व को भी रेखांकित करना है।
कस्तूरबा जैसी वीआईपी गाड़ियां नैनी पुल के पास तैनात की जाएंगी।
IWAI के अधिकारियों ने बताया कि क्रूज के स्वागत के लिए कस्तूरबा जैसी वीआईपी गाड़ियां नैनी पुल के पास तैनात की जाएंगी। इसके अलावा, सुरक्षा और यातायात की व्यवस्था भी पूरी तरह से चाक-चौबंद की गई है। इस आयोजन के दौरान प्रयागराज में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए सभी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जा रही हैं।
धार्मिक आस्था को बल मिलता है
साथ ही, इस समय पूरी दुनिया का ध्यान महाकुंभ मेले पर भी है, जो प्रयागराज में होने जा रहा है। इस मेलों और धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन से न केवल धार्मिक आस्था को बल मिलता है, बल्कि यह क्षेत्रीय और राष्ट्रीय पर्यटन को भी प्रोत्साहित करता है।
विशेष रूप से प्रयागराज की पहचान को और मजबूती मिलेगी,
प्रधानमंत्री मोदी 13 दिसंबर को इस ऐतिहासिक आयोजन में शामिल होंगे और भगवान राम और निषादराज की प्रतिमाओं का अनावरण करेंगे, जो इस धाम की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को और अधिक बढ़ाएगा। इस कार्यक्रम के आयोजन से उत्तर प्रदेश और विशेष रूप से प्रयागराज की पहचान को और मजबूती मिलेगी, साथ ही भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने के प्रयासों को भी बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी के इस ऐतिहासिक कदम से प्रयागराज और उत्तर प्रदेश के लिए न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि पर्यटन और विकास की दिशा में भी एक नई शुरुआत होगी।