
नई दिल्ली, 25 नवंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र से पहले मीडिया से बातचीत की और संसद में हो रही कार्यवाही को लेकर विपक्ष और कुछ सांसदों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि संसद में कुछ लोग केवल अपनी राजनीतिक स्वार्थ के लिए हुड़दंग मचाते हैं, जिससे कामकाजी माहौल बिगड़ता है और संसद का काम नहीं हो पाता। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे लोग देश की जनता के सामने आते हैं और जब सही समय आता है तो उन्हें सजा भी मिलती है।
देश उमंग और उत्साह के साथ 2025 का स्वागत करने की तैयारी में है।
प्रधानमंत्री ने शीतकालीन सत्र को लेकर कहा कि यह सत्र विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमारे संविधान की यात्रा के 75वें साल में प्रवेश करने के अवसर पर हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि देश उमंग और उत्साह के साथ 2025 का स्वागत करने की तैयारी में है।
अदाणी और वक्फ संशोधन विधेयक के मुद्दे
प्रधानमंत्री मोदी के बयान के बाद, संसद के इस सत्र में सबसे बड़े मुद्दे के रूप में अदाणी समूह से जुड़ा विवाद और वक्फ संशोधन विधेयक उभरकर सामने आ सकते हैं। विपक्ष, जो अदाणी समूह के मामलों पर सरकार पर लगातार निशाना साध रहा है, इस बार भी संसद में पहले दिन इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर सकता है। विपक्षी दलों का आरोप है कि अदाणी समूह के खिलाफ कई भ्रष्टाचार के आरोप सामने आए हैं, जिसे लेकर सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। विपक्ष इस मुद्दे पर चर्चा कराकर सरकार को घेरने की कोशिश कर सकता है।
वहीं, दूसरी तरफ सरकार ने संकेत दिया है कि वक्फ संशोधन विधेयक को इस सत्र में पेश किया जाएगा, जिसका विपक्ष विरोध कर सकता है। इस विधेयक में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और उनके प्रशासन से जुड़ी प्रावधानों में संशोधन किया जाएगा, और सरकार का इरादा है कि इसे संसद में पारित करवा लिया जाए, चाहे विपक्ष कितना भी विरोध क्यों न करे।
प्रधानमंत्री मोदी का संविधान के 75 वर्षों पर बयान
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा संविधान देश के लोकतंत्र की नींव है और इसका 75वां साल हमारे लिए एक विशेष अवसर है। इस साल हम संविधान के निर्माण की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। कल (26 नवंबर) संविधान सभा में इस महान दस्तावेज़ की 75वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी।” प्रधानमंत्री ने संविधान निर्माताओं की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने संविधान को बहुत विस्तार से और बारीकी से तैयार किया, ताकि यह देश के लिए एक मजबूत और न्यायपूर्ण ढांचा प्रदान कर सके।
उन्होंने यह भी कहा कि संसद हमारे संविधान का अहम हिस्सा है और हमारे सांसदों की भूमिका लोकतंत्र को मजबूत करने में महत्वपूर्ण है। स्वस्थ और विचारशील चर्चा संसद की गरिमा बनाए रखती है, और इसे बनाए रखने के लिए सभी सांसदों को अपने योगदान से कार्यवाही में भाग लेना चाहिए।
संसद में हो रही विघ्नबाजी पर प्रधानमंत्री की तीखी टिप्पणी
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण रूप से कुछ लोग अपनी राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि के लिए संसद के कामकाज को बाधित करते हैं। उनका मकसद तो पूरा नहीं होता, लेकिन संसद का काम प्रभावित होता है। उन्होंने कहा, “देश की जनता यह सब देखती है और जब समय आता है तो इन लोगों को सजा भी देती है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में यह स्पष्ट किया कि संसद की गरिमा और कार्यवाही को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, और किसी भी प्रकार की विघ्नबाजी से बचना चाहिए ताकि देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण कामों को पूरा किया जा सके।
संविधान यात्रा और युवा शक्ति का योगदान
संसद सत्र से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने ‘हमारा संविधान, हमारा सम्मान’ पदयात्रा कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, गजेंद्र सिंह शेखावत, पहलवान योगेश्वर दत्त और भारोत्तोलक मीराबाई चानू भी शामिल हुए।
रिजिजू ने कहा कि संविधान के निर्माण के 75 साल पूरे होने के मौके पर इस यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री शेखावत ने भी संविधान के महत्व को रेखांकित किया और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को पूरा करने की बात की। उन्होंने कहा, “हम संविधान के 75 वर्षों की यात्रा में युवा शक्ति का योगदान सुनिश्चित कर रहे हैं और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में यह यात्रा आगे बढ़ रही है।”
सार्वजनिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने शीतकालीन सत्र में विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने कार्यों पर पूरी तरह से अडिग है और विपक्ष के विरोध के बावजूद अपने प्रस्तावों को पेश करेगी।
यह सत्र भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, खासकर संविधान के 75वें वर्ष और अदाणी मामले जैसी चर्चाओं के मद्देनजर।