संभल, उत्तर प्रदेश (25 नवंबर): उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुए हिंसक उथल-पुथल के बाद अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या हिंसा को लेकर भीड़ बुलाई गई थी या यह स्वाभाविक रूप से जमा हुई थी। इस हिंसा में उत्तर प्रदेश पुलिस के तीन दर्जन से अधिक अधिकारी घायल हुए हैं और स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इस घटना को लेकर अब जांच शुरू कर दी गई है।
कोर्ट के आदेश पर सर्वे के दौरान हिंसा
संभल में कोर्ट के आदेश पर एक सर्वे किया जा रहा था, जिसमें जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर से जुड़े विवादित इलाके में जांच की जा रही थी। जैसे ही सर्वे टीम ने पहुंचकर काम शुरू किया, भारी भीड़ जुट गई और वह सर्वे टीम के काम में हस्तक्षेप करने लगी। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हल्का लाठीचार्ज किया, लेकिन इस दौरान स्थिति बेकाबू हो गई और हिंसक घटनाएं शुरू हो गईं। भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और फायरिंग भी शुरू कर दी, जिसके कारण कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
पथराव और फायरिंग की घटनाएं
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हिंसक भीड़ ने न केवल पथराव किया, बल्कि फायरिंग भी की, जिससे पुलिसकर्मियों की जान पर बन आई। इस दौरान कई पुलिसकर्मी और अधिकारी घायल हुए हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने 800 से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर फायरिंग करने वालों की पहचान की जा रही है। पुलिस ने कहा कि इस मामले में जांच जारी है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
इंटरनेट सेवाओं पर रोक
इस हिंसा के बाद अफवाहों और गलत सूचनाओं के प्रसार को रोकने के लिए संभल में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इंटरनेट सेवाएं अगले 24 घंटों तक बंद रहेंगी ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके और सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों पर काबू पाया जा सके। इसके अलावा, पूरे इलाके में पुलिस ने कड़ी नाकेबंदी कर दी है और हिंसा से जुड़े आरोपियों की तलाश जारी है।
संभल में गोलियां और पत्थरबाजी
उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने बताया कि हिंसा के दौरान पब्लिक की तरफ से पहले फायरिंग और पत्थरबाजी की गई। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की और अब तक कुछ अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा कि कई हथियार भी बरामद किए गए हैं और ड्रोन कैमरे से अपराधियों की पहचान की जा रही है। पुलिस के अनुसार, घटनास्थल पर सीसीटीवी कैमरे से भी फायरिंग के फुटेज प्राप्त हुए हैं, जिनसे आरोपियों की पहचान की जा रही है।
असदुद्दीन ओवैसी का बयान
ओवैसी ने संसद में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग भी की है।
इस हिंसा को लेकर एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि यह हत्याएं जानबूझकर की गई हैं और यह देश में मस्जिदों को निशाना बनाने की साजिश का हिस्सा हो सकती हैं। ओवैसी ने कहा कि यह घटना न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश के लिए एक गंभीर मामला है और इस पर सरकार को कठोर कदम उठाने चाहिए। ओवैसी ने संसद में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग भी की है।
कुल मिलाकर स्थिति
विपक्षी दल भी सरकार से जवाब मांग रहे हैं
संभल में हुई इस हिंसा ने पूरे उत्तर प्रदेश में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। पुलिस ने हालात को काबू में करने के लिए कड़ी कार्रवाई की है और इस मामले में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया है। वहीं, इस हिंसा को लेकर विपक्षी दल भी सरकार से जवाब मांग रहे हैं और इस मामले में विस्तृत जांच की मांग कर रहे हैं। पुलिस और प्रशासन अब इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं ताकि इस प्रकार की घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके।
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।
संभल में हुई हिंसा की घटना ने पूरे जिले को तनावग्रस्त कर दिया है। पुलिस और प्रशासन इस मामले में पूरी तरह से सक्रिय हैं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। हालांकि, इस हिंसा को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह एक सुनियोजित हमला था, या फिर यह घटनाएं स्वाभाविक रूप से घटित हुईं। इस मामले की गहन जांच की जा रही है और इस पर सरकार और विपक्ष दोनों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।