गुरुग्राम: 25 नवंबर 2024 / गुरुग्राम जिले के मानेसर थाना क्षेत्र में एक सनसनीखेज हत्या का मामला सामने आया है, जहां 52 वर्षीय व्यक्ति की हत्या कर शव को रेवाड़ी-नारनौल रोड पर फेंक दिया गया। पुलिस ने मामले में 2 महिलाएं और 1 पुरुष आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और हत्या के मामले को सुलझा लिया है।
घटना का विवरण:
22 नवंबर 2024 को, एक व्यक्ति ने मानेसर थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई, जिसमें बताया कि उनका पिता राजेन्द्र (उम्र 52 वर्ष) घर से अपनी कार में सवार होकर सैक्टर-1 आईएमटी मानेसर स्थित उनके पीजी पर गए थे, लेकिन 23 नवंबर 2024 की सुबह तक घर नहीं लौटे। जब उनके बेटे ने पिता को ढूंढने के लिए मानेसर की ओर रुख किया, तो उन्होंने आईएमटी चौक के पास राजेन्द्र की कार को सर्विस लाइन पर खड़ी पाया। कार लॉक थी, लेकिन राजेन्द्र वहां से गायब थे।
शिकायत के आधार पर मानेसर थाना पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी।
हत्या की साजिश का खुलासा:
सुषमा और मृतक राजेन्द्र एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानते थे।
इस मामले की जांच अपराध शाखा मानेसर के उप-निरीक्षक ललित कुमार और उनकी टीम ने की। पुलिस ने 23 नवंबर 2024 को दो आरोपियों, सुषमा (उम्र 42 वर्ष, निवासी सैक्टर-1 आईएमटी मानेसर) और अनिल (उम्र 37 वर्ष, निवासी गांव नौरंगाबास राजपूताना, जिला चरखी दादरी) को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान पता चला कि सुषमा और मृतक राजेन्द्र एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानते थे।
जब राजेन्द्र ने सीमा से मिलवाने का दबाव डाला
मृतक राजेन्द्र ने सुषमा को कमेटी में 10 लाख रुपये निवेश करने के लिए दिए थे, लेकिन सुषमा ने वह पैसे कमेटी में नहीं लगाकर खर्च कर दिए थे। जब राजेन्द्र ने अपनी रकम के बारे में पूछा, तो सुषमा ने उसे बताया कि उसने पैसे सीमा नामक महिला को दे दिए हैं। जब राजेन्द्र ने सीमा से मिलवाने का दबाव डाला, तो सुषमा ने अपने साथी अनिल और सीमा के साथ मिलकर राजेन्द्र की हत्या की योजना बनाई।
हत्या का तरीका:
सुषमा ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।
22 नवंबर 2024 को सुषमा ने राजेन्द्र को अपने घर सैक्टर-1 आईएमटी मानेसर बुलाया, जहां अनिल और सीमा भी पहले से मौजूद थे। सुषमा ने अनिल से चाय बनाने को कहा, जिसमें तीन चाय सामान्य थी, जबकि एक चाय में नशीला पदार्थ मिला दिया गया था। राजेन्द्र ने नशीली चाय पी ली, जिसके बाद वह बेहोश हो गया। इसके बाद सुषमा ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।
राजेन्द्र की हत्या के बाद, सुषमा और अनिल ने सीमा को वापस भेज दिया और राजेन्द्र की कार को हाईवे पर सर्विस लाइन पर खड़ा कर दिया। फिर उन्होंने राजेन्द्र के शव को अनिल की कार में डालकर रेवाड़ी ले गए और शव को रेवाड़ी-नारनौल हाईवे के पास फेंक दिया।
शव की पहचान और गिरफ्तारी:
23 नवंबर 2024 को रेवाड़ी पुलिस को एक शव मिला था, जिसे मोर्चरी में रखवाया गया था। गुरुग्राम पुलिस ने शव की जांच की और यह पुष्टि की कि वह शव राजेन्द्र का था। इस मामले की आगे की जांच में शामिल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
24 नवंबर 2024 को पुलिस ने सीमा (48 वर्ष, निवासी डूंडाहेड़ा, गुरुग्राम) को भी गिरफ्तार किया।
बरामदगी:
मृतक की मौत को आत्महत्या या किसी दुर्घटना का रूप देने के लिए शव को लावारिस छोड़ने का प्रयास किया था।
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से हत्या में प्रयोग की गई एक कार (VERNA) बरामद की। कार से मृतक के बाल, दस्तावेज और मृतक की सोने की चेन भी बरामद की गई। पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि आरोपियों ने मृतक की मौत को आत्महत्या या किसी दुर्घटना का रूप देने के लिए शव को लावारिस छोड़ने का प्रयास किया था।
गिरफ्तारी और आगामी कार्रवाई:
पुलिस ने हत्या की घटना से संबंधित आरोपियों के खिलाफ हत्या की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार किया। आरोपियों को अदालत में पेश किया जाएगा, और मामले की जांच जारी है।