
गुरुग्राम, 25 नवंबर: गुरुग्राम जिसे साइबर सिटी के नाम से अंतरराष्ट्रीय पहचान प्राप्त है, लेकिन असलियत यह है कि इस शहर के कुछ हिस्से आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। पालम विहार क्षेत्र में सीवरेज सिस्टम की खस्ताहालत के कारण सड़कों, गलियों और पार्कों में गंदा पानी बह रहा है। यह वही क्षेत्र है, जो हरियाणा के कैबिनेट मंत्री राव नरवीर सिंह के विधानसभा क्षेत्र में आता है, और यहां के लोग सीवरेज के गंदे पानी से जूझ रहे हैं।
सड़कों, गलियों और पार्कों में गंदा पानी बह रहा है।
गुरुग्राम का पालम विहार एक्सटेंशन, वार्ड 2 और बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र में स्थित 40 फुटा रोड से गत्ता फैक्ट्री रोड होते हुए हनुमान मंदिर तक 1 किलोमीटर तक की सड़कें और गलियां सीवरेज पानी से सनी हुई हैं। यह गंदा पानी गलियों में बहता हुआ स्कूली बच्चों, राहगीरों और स्थानीय निवासियों के लिए मुसीबत का कारण बना हुआ है। इतना ही नहीं, सड़क की हालत भी दयनीय है, जिससे आने-जाने में भारी परेशानी होती है।
नगर निगम ने इस क्षेत्र में करोड़ों रुपये खर्च किए हैं, लेकिन नतीजा वही पुराना है। नगर निगम के कार्यों और उसके खर्चों की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। पालम विहार के निवासियों का आरोप है कि नगर निगम ने भ्रष्टाचार के चलते विकास कार्यों का जो बजट निर्धारित किया था, वह न तो ठीक से खर्च हुआ है और न ही किसी ठोस परिणाम के रूप में सामने आया है।
नगर निगम पर भ्रष्टाचार के आरोप
गुरुग्राम नगर निगम का भ्रष्टाचार प्रदेश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी चर्चा का विषय बन चुका है। नगर निगम ने हर साल अरबों रुपये का बजट मंजूर किया है, लेकिन उसकी कार्यप्रणाली पर कभी भी संतुष्टि नहीं जताई गई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और राज्य के कैबिनेट मंत्री राव नरवीर सिंह ने भी अधिकारियों को कई बार चेतावनी दी है, लेकिन सुधार के बजाय हालात और बिगड़ते जा रहे हैं।
गुरुग्राम में हो रहे भ्रष्टाचार पर कई बार बयान दिए थे,
राव नरवीर सिंह ने विधानसभा चुनावों के दौरान गुरुग्राम में हो रहे भ्रष्टाचार पर कई बार बयान दिए थे, लेकिन मंत्री बनने के बाद उनके इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रहने से सवाल उठने लगे हैं। उनके क्षेत्र में गंदा पानी सड़कों पर बहना यह दर्शाता है कि नगर निगम और प्रशासन अब भी भ्रष्टाचार की चपेट में हैं।
मुख्यमंत्री और अधिकारियों की जिम्मेदारी
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी इस मुद्दे को लेकर संतुष्ट नहीं हैं। वह कई बार अधिकारियों को निर्देश दे चुके हैं, लेकिन नगर निगम ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। मुख्यमंत्री और मंत्री दोनों ही इस मुद्दे पर सार्वजनिक बयान दे चुके हैं, लेकिन प्रशासन पर इसका कोई असर नहीं हो रहा।
स्थानीय निवासियों की आवाज
पालम विहार के निवासी अब इस स्थिति पर और अधिक चुप नहीं रह सकते। उन्होंने अपनी आवाज उठानी शुरू कर दी है और नगर निगम के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। उनकी मांग है कि नगर निगम द्वारा खर्च किए गए करोड़ों रुपये का हिसाब किताब सार्वजनिक किया जाए और इस इलाके में सीवरेज सिस्टम की मरम्मत की जाए ताकि यह समस्या जल्द सुलझ सके।
नगरीय प्रशासन की निष्क्रियता
नगर निगम के अधिकारियों का यह मानना है कि वे अपने कार्यों में कोई सुधार नहीं कर पाएंगे क्योंकि वे अब सरकारी तंत्र में एक मजबूत स्थिति में हैं। यही कारण है कि विकास कार्यों के नाम पर केवल लीपा-पोती की जाती है, जबकि जरूरी सुधार के लिए कोई वास्तविक कदम नहीं उठाए जाते।
गुरुग्राम नगर निगम में पारदर्शिता और जिम्मेदारी की भारी कमी है। अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये का बजट किसी न किसी रूप में भ्रष्टाचार का शिकार हो जाता है, जिसका सीधा असर नागरिकों पर पड़ता है। अब देखना यह है कि क्या नगर निगम इस स्थिति से उबरने के लिए कोई ठोस कदम उठाता है या फिर यह मामला और बढ़ेगा।