
नई दिल्ली, 25 नवंबर: सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत होते ही विपक्षी सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों में जोरदार हंगामा किया। विपक्षी सांसदों ने जैसे ही वक्फ बोर्ड के मुद्दे पर सत्ता पक्ष के सांसदों से चर्चा की कोशिश की, हंगामा शुरू हो गया। यह मुद्दा संसद में सबसे गर्म चर्चा का विषय बन गया और विपक्ष ने इसे लेकर विरोध करना शुरू कर दिया। वक्फ बोर्ड के संदर्भ में जैसे ही कोई बयान दिया गया, विपक्षी सांसदों ने तुरंत शोर मचाना शुरू कर दिया और लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंच गए। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही कुछ समय के लिए रोक दी गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र से एक दिन पहले कहा था कि कुछ मुट्ठी भर लोग संसद में हंगामा मचाते हैं, जिससे विधायिका के कामकाजी माहौल में दिक्कत आती है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार इस प्रकार की विघ्नबाजी नहीं होने दी जाएगी और इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पास किया जाएगा, जिनमें वक्फ बोर्ड से संबंधित विधेयक भी शामिल है।
विपक्ष ने लगातार हंगामा करते हुए वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर अपनी आपत्ति जताई, और इसे लेकर सवाल उठाए। विपक्षी दलों को यह डर था कि सरकार इस विधेयक के माध्यम से वक्फ बोर्ड के संपत्तियों के प्रशासन पर नियंत्रण बढ़ा सकती है। इस दौरान कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसदों ने जोरदार विरोध किया, जिससे हंगामा बढ़ता चला गया।
प्रियंका गांधी का लोकसभा में पहला प्रवेश
इस सत्र के दौरान लोकसभा में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने पहली बार प्रवेश किया। प्रियंका गांधी के लोकसभा में पहुंचने पर सभी सांसदों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद, प्रियंका और राहुल गांधी एक साथ संसद परिसर में बातचीत करते हुए नजर आए। दोनों ने एक दूसरे से हंसते हुए बातचीत की, और जब वे अंदर गए तो मुस्कुराते हुए हाथ लहराते हुए दिखाई दिए।
प्रियंका गांधी का लोकसभा में यह पहला दिन था, और उनका स्वागत करने के लिए कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने उनका अभिनंदन किया। हालांकि, जैसे ही प्रियंका गांधी ने सदन में प्रवेश किया, कांग्रेस और टीएमसी के सांसदों ने फिर से शोर मचाना शुरू कर दिया। यह हंगामा उस समय और बढ़ गया जब उन्हें पता चला कि सत्ताधारी एनडीए सरकार इस सत्र में वक्फ बोर्ड और अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों को पास करने की योजना बना रही है।
लोकसभा और राज्यसभा में शोर-शराबा
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बार-बार सांसदों से अपील की कि वे शांतिपूर्वक कार्यवाही में भाग लें और सदन की गरिमा बनाए रखें। लेकिन विपक्षी सांसदों ने शोर मचाना जारी रखा। इसके कारण, कुछ समय के लिए लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। इसके अलावा, राज्यसभा में भी इसी तरह का हंगामा देखने को मिला, जहां विपक्षी दलों ने वक्फ बोर्ड से संबंधित विधेयक पर विरोध दर्ज कराया और कामकाजी माहौल को बाधित किया।
विधेयक वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और प्रशासन के लिए जरूरी है।
विपक्ष का कहना है कि सरकार इस विधेयक का इस्तेमाल वक्फ संपत्तियों पर अधिक नियंत्रण स्थापित करने के लिए कर सकती है, जबकि सत्ताधारी पक्ष का कहना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और प्रशासन के लिए जरूरी है।
इस हंगामे के कारण संसद की कार्यवाही में बाधा उत्पन्न हुई और कई अहम मुद्दों पर चर्चा को टाला गया। यह सत्र खासकर वक्फ बोर्ड और अन्य विधेयकों के संदर्भ में महत्वपूर्ण हो सकता है, लेकिन विपक्ष के लगातार विरोध और हंगामे के कारण सरकार के लिए इन मुद्दों पर चर्चा करना आसान नहीं होगा।
आगे की स्थिति आगामी दिनों में संसद में क्या स्थिति रहती है।
यह देखना होगा कि आगामी दिनों में संसद में क्या स्थिति रहती है। क्या सरकार विपक्ष के विरोध के बावजूद अपने विधेयकों को पास करने में सफल होती है, या फिर विपक्ष का दबाव बढ़ता है और सरकार को कुछ कदम पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ता है। इस सत्र में होने वाली चर्चा और निर्णय भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ ला सकते हैं, खासकर वक्फ बोर्ड से संबंधित मुद्दे पर।