झांसी में धीरेंद्र शास्त्री पर हमला, पुलिस जांच में जुटी
झांसी, 26 नवंबर: बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र शास्त्री पर हमला हुआ है। यह घटना झांसी में उनकी हिंदू एकता पदयात्रा के दौरान घटी, जब मऊरानीपुर के रामवन होटल के पास एक व्यक्ति ने यात्रा में भीड़ के बीच से उनका मोबाइल फेंककर हमला कर दिया। इस हमले के बाद यात्रा में थोड़ी देर के लिए अफरातफरी मच गई, लेकिन शास्त्री ने इस पर किसी प्रकार की नाराजगी नहीं जताई। उन्होंने कहा कि “किसी ने मुझे फूलों के साथ मोबाइल फेंका है”।
घटना की जानकारी: पदयात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पहले से ही कड़ी थी
पदयात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पहले से ही कड़ी थी और शास्त्री के साथ बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी भी चल रहे थे। यह घटना तब हुई, जब यात्रा के दौरान श्रद्धालु पुष्प वर्षा कर रहे थे और अचानक मोबाइल फेंका गया। घटना के बाद शास्त्री ने शांति बनाए रखते हुए यात्रा को जारी रखने का निर्णय लिया। पुलिस ने अब इस घटना की जांच शुरू कर दी है और हमलावर की पहचान करने के प्रयास जारी हैं।
यात्रा का उद्देश्य: यात्रा की शुरुआत से पहले राष्ट्रगान और हनुमान चालीसा का पाठ किया गया।
पं. धीरेंद्र शास्त्री ने “सनातन हिंदू एकता पदयात्रा” की शुरुआत ग्रामोदय से की थी। यात्रा की शुरुआत से पहले राष्ट्रगान और हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। शास्त्री ने यात्रा में साथ चलने के लिए श्रद्धालुओं को आह्वान किया और यात्रा की दिशा में विभिन्न स्थानों पर रुककर उनका उत्साहवर्धन किया। यात्रा का कुल मार्ग 158 किलोमीटर लंबा है, जो नौ दिन तक चलेगी और यात्रा का समापन 29 नवंबर को ओरछा में होगा।
यात्रा की सुरक्षा: यात्रा के मार्ग पर सैकड़ों पुलिसकर्मी तैनात थे
इस यात्रा में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। यात्रा के मार्ग पर सैकड़ों पुलिसकर्मी तैनात थे, और झांसी-कानपुर हाईवे पर ट्रैफिक को बदले हुए मार्गों से भेजा जा रहा था। यह सुरक्षा इसलिए थी क्योंकि यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु और सुरक्षा बल शामिल थे, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके।
बाबाओं पर क्यों हो रहे हैं हमले? बड़े संतों पर लगातार हो रहे हमलों ने बड़ा सवाल खड़ा किया है
धीरेंद्र शास्त्री जैसे बड़े संतों पर लगातार हो रहे हमलों ने बड़ा सवाल खड़ा किया है कि “बाबाओं पर हमले क्यों हो रहे हैं?” शास्त्री की हिंदू एकता पदयात्रा का उद्देश्य हिंदू समाज को एकजुट करना था और धार्मिक एकता की भावना को प्रोत्साहित करना था, लेकिन ऐसे हमले यह दर्शाते हैं कि उनके खिलाफ कहीं न कहीं कुछ साजिशें चल रही हैं।
धीरेंद्र शास्त्री देश में हनुमान जी के नाम से प्रसिद्ध हैं, और उनके सत्संगों में भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। हालांकि उनकी सुरक्षा को लेकर राज्य और केंद्र सरकारें गंभीर हैं, फिर भी ऐसे हमले हो रहे हैं। यह सवाल खड़ा करता है कि आखिर संतों और बाबाओं को क्यों निशाना बनाया जा रहा है, जबकि उनकी सुरक्षा के लिए सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
प्रतिक्रिया और विचार: धीरेंद्र शास्त्री देश में हनुमान जी के नाम से प्रसिद्ध हैं
कई धार्मिक और राजनीतिक नेताओं ने इस हमले की निंदा की है और संतों की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। केंद्र और राज्य सरकारों को चाहिए कि वे संतों और बाबाओं की सुरक्षा को लेकर और कड़े कदम उठाएं ताकि ऐसे हमलों को रोका जा सके।
यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि धार्मिक हस्तियों की सुरक्षा अब केवल राज्य की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज की जिम्मेदारी भी बन गई है। इसके अलावा, इस हमले के बाद पुलिस ने अपनी कार्रवाई और जांच तेज कर दी है, और जल्द ही हमलावर की गिरफ्तारी की उम्मीद जताई जा रही है।धीरेंद्र शास्त्री पर हुए इस हमले ने एक बार फिर यह साबित किया है कि धार्मिक कार्यकर्ताओं और संतों को सुरक्षा के बावजूद हमलों का सामना करना पड़ सकता है। इस घटना ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्यों बाबाओं और संतों को निशाना बनाया जा रहा है, और सरकार को इस पर सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।