
दिल्ली 26 नवंबर। भारत के संविधान के 75 साल पूरे होने के अवसर पर मंगलवार को पुरानी संसद भवन के सेंट्रल हॉल में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस ऐतिहासिक मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, और लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कार्यक्रम में भाग लिया।
यह कार्यक्रम भारतीय संविधान के महत्व और उसकी यात्रा को सम्मानित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। इस आयोजन में एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक पहलू यह था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पहली बार एक ही मंच पर दिखाई दिए। इनके साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू, और राज्यसभा के डिप्टी स्पीकर हरिवंश भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।
कार्यक्रम की थीम और विशेष पहलुएं , जो भारतीय संविधान के प्रति राष्ट्रीय सम्मान और गर्व को प्रदर्शित करती है।
कार्यक्रम की थीम “हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान” रखी गई, जो भारतीय संविधान के प्रति राष्ट्रीय सम्मान और गर्व को प्रदर्शित करती है। इस अवसर पर संविधान के 75वें वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक विशेष सिक्का और डाक टिकट भी जारी किए गए, जो भारतीय संविधान के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाते हैं।
इसके अलावा, इस अवसर पर दो महत्वपूर्ण किताबों का विमोचन भी किया गया:
“भारतीय संविधान का निर्माण: एक झलक”
“भारतीय संविधान का निर्माण और इसकी गौरवशाली यात्रा”
संविधान के महत्व को समझाने के लिए संस्कृत और मैथिली में संविधान की प्रतियां भी जारी की गईं। इसके साथ ही, भारतीय संविधान के निर्माण और उसकी गौरवमयी यात्रा पर आधारित एक शॉर्ट फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया, जिससे सभी को भारतीय संविधान के ऐतिहासिक महत्व और उसकी यात्रा से परिचित कराया गया।
संविधान सभा का ऐतिहासिक कार्य
भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा पारित किया गया था। इस दिन को हर साल संविधान दिवस के रूप में मनाने की परंपरा है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने 19 नवंबर 2015 को एक अधिसूचना जारी कर 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी।
संविधान दिवस पर भारत का दृष्टिकोण
संविधान के 75 साल पूरे होने पर आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में भारतीय संविधान के निर्माण और उसकी धारा-धारा में समाहित मूल्यों और उद्देश्यों को फिर से याद किया गया। यह कार्यक्रम भारतीय लोकतंत्र, समानता, और न्याय की नींव को मज़बूत बनाने के संकल्प को प्रदर्शित करता है।
इस ऐतिहासिक दिन पर भारतीय संविधान को लेकर जागरूकता फैलाने और उसके महत्व को संजीदगी से समझाने का यह कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण पहल है।