सात डॉक्टरों के एनओसी (No Objection Certificate) को फर्जी पाया गया
चंडीगढ़ 26 नवंबर। हरियाणा मेडिकल काउंसिल (HMC) ने अब तक के सबसे बड़े मेडिकल फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करते हुए ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है, जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए आवेदन किया था। काउंसिल की जांच में सात डॉक्टरों के एनओसी (No Objection Certificate) को फर्जी पाया गया, जिसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।
इस मामले में काउंसिल ने पांच डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। हरियाणा मेडिकल काउंसिल का यह कदम उन डॉक्टरों के लिए चेतावनी है जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए कागजात तैयार किए थे। इन फर्जी डॉक्टरों को अपने रजिस्ट्रेशन से जुड़े कानूनी और पेशेवर दायित्वों का पालन नहीं करने के कारण कड़ी सजा दी गई है।
प्रमाणपत्रों को सत्यापित करवाने के लिए झूठे दस्तावेज जमा किए थे।
काउंसिल ने बताया कि इन डॉक्टरों ने अपने मेडिकल प्रमाणपत्रों को सत्यापित करवाने के लिए झूठे दस्तावेज जमा किए थे। मामले की जांच के दौरान यह पाया गया कि इन फर्जी डॉक्टरों ने न केवल अपने पंजीकरण के लिए झूठे दस्तावेज प्रस्तुत किए, बल्कि अपनी मेडिकल प्रैक्टिस से लोगों के जीवन को भी खतरे में डाला। इस वजह से काउंसिल ने इन डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के साथ-साथ अन्य कानूनी कार्रवाई की योजना भी बनाई है।
कार्रवाई के प्रमुख बिंदु: काउंसिल ने 5 डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया
काउंसिल ने 5 डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया: इन डॉक्टरों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्रेशन प्राप्त किया था।
7 डॉक्टरों की एनओसी फर्जी पाई गई: काउंसिल की जांच में सात डॉक्टरों के एनओसी फर्जी पाए गए, जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई।
कड़ी निगरानी और जांच: मेडिकल काउंसिल का कहना है कि वह फर्जी रजिस्ट्रेशन के मामलों को रोकने के लिए जांच और निगरानी को और सख्त करेगी।
कानूनी कदम उठाए जाएंगे: इसके साथ ही काउंसिल उन डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई भी करेगी जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया।
काउंसिल के अधिकारियों ने बताया कि यह कदम मरीजों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के उद्देश्य से उठाया गया है। उनका मानना है कि किसी भी तरह की लापरवाही या फर्जीवाड़ा स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं हो सकता है। हरियाणा मेडिकल काउंसिल अब सभी डॉक्टरों और मेडिकल संस्थानों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और कड़ी बनाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह के मामलों से बचा जा सके।