हिंसक बवाल के बाद पूरे शहर में दहशत का माहौल है।
संभल उत्तर प्रदेश 26 नवंबर। संभल में रविवार को जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुए हिंसक बवाल के बाद पूरे शहर में दहशत का माहौल है। जामा मस्जिद से नखासा और हिंदूपुरा खेड़ा तक इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है, और यहां की दीवारों पर गोलियों के निशान हिंसा की भयावहता को बयान कर रहे हैं। हिंसा के दूसरे दिन इलाके में खामोशी और गम का माहौल है, जबकि कई परिवार घरों को छोड़कर रिश्तेदारों के घरों में शरण लेने के लिए मजबूर हो गए हैं।
घटनास्थल का दृश्य जामा मस्जिद और आसपास के क्षेत्र में पुलिस का भारी बंदोबस्त किया गया है
हिंसा के बाद जामा मस्जिद और आसपास के क्षेत्र में पुलिस का भारी बंदोबस्त किया गया है। चौक-चौराहों पर अधिकांश पुलिसकर्मी नजर आ रहे थे, जबकि आम लोग अपने घरों में बंद थे। सड़कों पर राख और दीवारों पर गोलियों के निशान हिंसा की डरावनी कहानी बयां कर रहे थे। क्षेत्र के लोग ग़म, गुस्से और बेबसी के बीच इस हादसे के परिणामों से जूझ रहे हैं, लेकिन कुछ लोग इस पर खुलकर बोलने से बच रहे थे।
कई लोग हुए बेघर बवाल के कारण सैकड़ों परिवारों ने घरों पर ताला लगा दिया
बवाल के कारण सैकड़ों परिवारों ने घरों पर ताला लगा दिया और दूसरे क्षेत्रों में रिश्तेदारों के पास शरण ले ली। मोहल्ला कोट गर्वी तबेला में इरशाद, जो इस हिंसा का गवाह था, ने बताया कि हिंसा के दौरान उसके भांजे नईम की जान चली गई। इरशाद ने अपने भांजे के बारे में बताते हुए कहा कि रविवार को सुबह वह अपने दुकान पर हंसते-हंसते गया था, लेकिन शाम को उसकी लाश कफन में लिपटी हुई घर आई। इरशाद ने हिंसा के दौरान गोली के निशान और टूटी खिड़कियों की ओर इशारा करते हुए इस सबकी भयावहता को बताया।
हिंसा के बाद का माहौल
गली में भी कुछ युवक गुस्से और आक्रोश में दिखाई दिए।
सरायतरीन के झाला जामन वाली गली में भी कुछ युवक गुस्से और आक्रोश में दिखाई दिए। उनका कहना था कि मोहल्ले के मोहम्मद बिलाल को क्यों मारा गया, उसका क्या कसूर था। बिलाल के भाई अलीम ने कहा, “हमें इंसाफ चाहिए।” उनके चेहरे पर ग़म और गुस्सा साफ झलक रहा था, और वे यह चाहते थे कि दोषियों को कड़ी सजा मिले।
लोग न केवल अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं,
इस हिंसा ने पूरे संभल शहर को एक भयावह तस्वीर में ढाल दिया है। इलाके के लोग न केवल अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, बल्कि शांति और न्याय की उम्मीद भी पाल रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने इस स्थिति को संभालने के लिए कड़ी मेहनत की है, लेकिन फिर भी इलाके में असुरक्षा का माहौल बना हुआ है।
संभल हिंसा की यह घटना इस बात का प्रतीक है कि जब तक समाज में शांति और सौहार्द्र की भावना नहीं होगी, तब तक ऐसी घटनाएं हो सकती हैं जो न केवल जानमाल का नुकसान करती हैं, बल्कि समाज में अस्थिरता भी पैदा करती हैं।