महायुति में कभी मतभेद नहीं रहा”: एकनाथ शिंदे के बयान पर बोले फडणवीस – “हमने सभी फैसले साथ में लिए”
मुंबई, 27 नवंबर 2024:महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने महायुति गठबंधन में मुख्यमंत्री पद को लेकर उठ रहे सवालों पर आज विराम लगा दिया। शिंदे ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेता जो भी फैसला लेंगे, वह शिवसेना को मंजूर होगा, और भाजपा के उम्मीदवार को शिवसेना पूरी तरह से समर्थन देगी। उनके इस बयान ने महायुति में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहे कयासों को समाप्त कर दिया।
मुख्यमंत्री पद पर शिंदे का बयान:
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद से सबसे बड़ा सवाल यह था कि महायुति गठबंधन में मुख्यमंत्री पद किस दल का होगा। इस सवाल को लेकर विभिन्न कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन एकनाथ शिंदे ने सभी संदेहों पर स्पष्टता देते हुए कहा कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा जो भी निर्णय लिया जाएगा, शिवसेना उसे पूरी तरह से स्वीकार करेगी। उनका यह भी कहना था कि भाजपा के मुख्यमंत्री उम्मीदवार को शिवसेना का पूर्ण समर्थन मिलेगा।
देवेंद्र फडणवीस का बयान:
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “हमारी महायुति में कभी भी एक-दूसरे के प्रति मतभेद नहीं रहा। हम हमेशा मिल-बैठकर निर्णय लेते हैं और चुनाव से पहले हमने यह कहा था कि मुख्यमंत्री पद के बारे में हम सामूहिक रूप से निर्णय लेंगे। जो लोग इस मुद्दे पर संदेह कर रहे थे, उनका संदेह अब एकनाथ शिंदे जी ने दूर कर दिया है।” उन्होंने आगे कहा, “जल्द ही हम अपने नेताओं से मिलकर अंतिम निर्णय लेंगे।”
चुनाव परिणाम और महायुति का दबदबा:
हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन और महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन के बीच मुख्य मुकाबला था। महायुति ने 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटों पर विजय प्राप्त की। इसमें भाजपा ने अकेले 132 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 सीटों और अजित पवार गुट की एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की।
वहीं, महा विकास अघाड़ी गठबंधन को 288 में से सिर्फ 46 सीटें ही मिलीं। इसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी को 20, कांग्रेस को 16 और शरद पवार की एनसीपी-एसपी को केवल 10 सीटों पर विजय मिली।
मुख्यमंत्री पद को लेकर उठ रहे सवालों का समाधान कर दिया है।
महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बयान ने महायुति गठबंधन के भीतर मुख्यमंत्री पद को लेकर उठ रहे सवालों का समाधान कर दिया है। यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा के नेतृत्व में ही मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी निभाई जाएगी, और शिवसेना इसका पूर्ण समर्थन करेगी। महायुति में कभी मतभेद नहीं था, और सभी निर्णय सामूहिक रूप से लिए जाएंगे, जैसा कि फडणवीस ने भी कहा।