
2 लाख से 5 लाख रुपए तक की फीस वसूली जा रही है।
नई दिल्ली, 28 नवंबर 2024 / दिल्ली और एनसीआर (नेशनल कैपिटल रीजन) में डेंगू के मामलों में निरंतर वृद्धि हो रही है, और इसका असर न केवल शहरी क्षेत्रों, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी गंभीर हो गया है। सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी अस्पतालों में भी भारी भीड़ देखने को मिल रही है, जहां मरीजों का इलाज करना मुश्किल हो रहा है। इन अस्पतालों पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है, और मरीजों से मनमानी फीस वसूली जा रही है। कुछ अस्पताल तो फाइव-स्टार होटल की तरह दिखते हैं, जहां इलाज के नाम पर जमकर लूट मचाई जा रही है। खास बात यह है कि जिनके पास स्वास्थ्य बीमा है, उन्हें भी 2 लाख से 5 लाख रुपए तक की फीस वसूली जा रही है।
डेंगू के इलाज के लिए कोई विशेष दवा उपलब्ध नहीं है
सरकार की ओर से कोई ठोस व्यवस्था न होने के कारण, मरीज और उनके परिवार परेशान हैं। सबसे चिंताजनक स्थिति यह है कि डेंगू के इलाज के लिए कोई विशेष दवा उपलब्ध नहीं है, और मरीज अब देसी उपचार की ओर रुख कर रहे हैं। बकरी का दूध, जो ₹500 प्रति लीटर बिक रहा है, डेंगू के मरीजों के लिए एक हल्की राहत बन चुका है। सरकारी और निजी अस्पतालों में भी मरीजों को बकरी का दूध सेवन करने की सलाह दी जा रही है, और कई डॉक्टर अब बकरी का दूध पीने वाले मरीजों को बधाई दे रहे हैं, जबकि उनकी दवाइयां असरदार साबित नहीं हो रही हैं।
गंदगी और पानी की बर्बादी से बढ़ रहा है डेंगू
दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में गंदे पानी और नालियों का जमाव, साथ ही सड़कों पर पानी के जलभराव ने डेंगू के फैलने का कारण बना है। गंदगी और गंदे पानी की वजह से मच्छरों की संख्या में वृद्धि हो रही है, जिससे डेंगू के मामलों में और भी इजाफा हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस गंभीर समस्या को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, और सरकार की ओर से भी कोई सक्रियता नहीं दिखाई दे रही है।
गुरुग्राम की स्थिति सबसे खराब
गुरुग्राम की स्थिति सबसे खराब है, जहां गंदगी का आलम है। सड़कों पर गंदा पानी और गलियों में कूड़े के ढेर लगे हुए हैं, जो बीमारियों को आमंत्रित कर रहे हैं। घरों में पानी का जमाव हो रहा है, जिससे हालात और भी खराब हो गए हैं। सरकारी अस्पतालों में स्थिति बहुत खराब है, जबकि प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को लूटा जा रहा है। झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है, जिनके पास दवाइयों की कोई जानकारी नहीं है, और ये लोग मरीजों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। औद्योगिक क्षेत्र में तो खासकर बंगाली क्लिनिक का जाल फैला हुआ है, जहां अवैध इलाज और दवाइयों की बिक्री जोरों पर है।
लूट मचा रहे अस्पताल और झोलाछाप डॉक्टर
निजी अस्पतालों में इलाज के नाम पर भारी रकम वसूली जा रही है, और इन अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए दवाइयों का कोई सही ज्ञान नहीं होता। झोलाछाप डॉक्टर अपनी मनमानी करते हुए मरीजों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। इस सब के बीच, सरकारी तंत्र का इस पर कोई ध्यान नहीं है, और आम आदमी लूट का शिकार हो रहा है।
डेंगू के बढ़ते मामलों से लोगों का जीवन मुश्किल
दिल्ली-एनसीआर में डेंगू के बढ़ते मामलों से लोगों का जीवन मुश्किल हो गया है। जहां एक ओर सरकारी अस्पतालों की स्थिति दयनीय है, वहीं निजी अस्पतालों और झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा की जा रही लूट ने लोगों की स्थिति और भी खराब कर दी है। गंदगी, जलभराव और मच्छरों की बढ़ती संख्या से डेंगू के फैलने का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग को इस समस्या के समाधान के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि लोग इस भयावह स्थिति से निजात पा सकें।