
लखनऊ, उत्तर प्रदेश – 30 नवंबर 2024 / उत्तर प्रदेश के संभल जिले में होने वाली सपा नेताओं की यात्रा से पहले पुलिस प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया है। पुलिस ने उन नेताओं के घरों के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है, जो संभल जाने वाले थे। इस कदम के पीछे पुलिस का उद्देश्य संभल में माहौल बिगड़ने से बचाना है। इस कार्रवाई में सपा के कई वरिष्ठ नेताओं के घरों को सुरक्षा घेरे में लिया गया है।
सपा नेताओं के घरों के बाहर पुलिस तैनात
गुप्तचर विभाग की सूचना के आधार पर पुलिस ने सपा के पूर्व मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और अन्य नेताओं के घरों के बाहर पुलिस तैनात की है। रात्रि 12 बजे से पहले ही पुलिस ने सपा नेताओं के घरों को घेरे में लिया, ताकि उनके संभल जाने से पहले कोई अप्रिय घटना न घटित हो।
पुलिस की कार्रवाई से सपा नेताओं में असंतोष का माहौल है। सपा के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि योगी सरकार उन्हें डराने और धमकाने की कोशिश कर रही है। पांडेय ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें घरों में नजरबंद कर दिया है और उन्हें बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। पांडेय ने यह भी कहा कि पुलिस अधिकारियों को उनके घरों में बैठा दिया गया है, जिससे उन्हें घर से बाहर निकलने में कठिनाई हो रही है।
सपा के नेताओं का कहना
लखनऊ में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव और सपा अध्यक्ष श्यामलाल पाल के घरों के बाहर पुलिस तैनात की गई है। लाल बिहारी यादव ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्हें संभल के जिलाधिकारी द्वारा एक पत्र सौंपा गया है, जिसमें 10 दिसंबर तक संभल में प्रवेश पर रोक का आदेश दिया गया है। इसके बाद, सपा नेताओं ने इस कदम को उत्तर प्रदेश सरकार की तानाशाही और विरोधी दलों के खिलाफ दबाव बनाने की कोशिश करार दिया।
पुलिस की सख्ती और चेतावनी
उत्तर प्रदेश पुलिस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि किसी भी नेता या कार्यकर्ता ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस ने सपा कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी है कि वे संभल में शांति बनाए रखें और किसी भी तरह के विवाद से बचें।
सपा नेताओं के घरों के बाहर पुलिस तैनाती से यह भी संकेत मिल रहे हैं कि सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि किसी भी हालत में स्थिति को अस्थिर न किया जाए। पुलिस ने सपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं को यह संदेश दिया है कि संभल में प्रवेश से पहले उन्हें पूरी सुरक्षा जांच के बाद ही आगे बढ़ने दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी हालत में सुरक्षा में कोई कोताही न बरती जाए। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी अधिकारी द्वारा सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही की गई, तो उसे कठोर सजा दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पुलिस की ओर से किसी भी गलत सूचना या कार्रवाई को तुरंत ठीक किया जाए, ताकि कोई अनावश्यक विवाद न पैदा हो।
संभल हिंसा का संदर्भ
यह सारा घटनाक्रम उत्तर प्रदेश के संभल में हुए हालिया सांप्रदायिक तनाव और हिंसा के संदर्भ में सामने आ रहा है। इस हिंसा में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें कुछ लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद सपा ने राज्य सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की थी, और अब सपा प्रतिनिधिमंडल हिंसा की जांच के लिए संभल जाने वाला था। इससे पहले ही पुलिस ने नेताओं के घरों को घेर लिया है, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
सपा डेलिगेशन का दौरा
सपा का डेलिगेशन संभल जाने वाला था, जिसमें पार्टी के प्रमुख नेता और विधायक शामिल थे। इस डेलिगेशन का उद्देश्य संभल में हुए हालात की जानकारी लेना था और राज्य सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग करना था। लेकिन पुलिस ने यह कदम उठाकर उनके रास्ते को पहले से ही अवरुद्ध कर दिया है, जिससे सपा के नेताओं में सरकार के खिलाफ असंतोष पैदा हुआ है।
सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से इसके खिलाफ विरोध भी हो सकता है, जबकि सरकार अपनी ओर से किसी भी प्रकार के असामाजिक तत्व को बढ़ावा नहीं देने का दावा कर रही है।
अब यह देखना बाकी है कि सपा के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य किस प्रकार पुलिस की सख्ती को पार करके संभल पहुंचते हैं और उत्तर प्रदेश सरकार का जवाब इस पर क्या होता है।