
नई दिल्ली, 2 दिसंबर: दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता अभी भी बेहद खराब बनी हुई है। सोमवार को राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खराब श्रेणी में बना रहा। हालांकि, कुछ राहत के संकेत हैं, क्योंकि AQI में पिछले 24 घंटे में पांच अंकों की गिरावट देखी गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, यह स्थिति अगले कुछ दिनों तक बनी रहने की संभावना है और यह स्थिति बृहस्पतिवार तक जारी रह सकती है।
सोमवार को दिल्ली का AQI 280 दर्ज किया गया, जोकि खराब श्रेणी में आता है। अधिकतर इलाकों में AQI 200 के पार रिकॉर्ड किया गया। नोएडा में हवा की स्थिति सबसे बेहतर रही, यहां AQI 166 रहा, जो मध्यम श्रेणी में आता है। वहीं, फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा में AQI 196, गुरुग्राम में 193 और गाजियाबाद में 169 AQI रहा।
वायु गुणवत्ता खराब होने की वजह:
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की गति स्थिर नहीं होने के कारण प्रदूषक तत्वों का फैलाव नहीं हो पा रहा है, जिससे वायु गुणवत्ता और भी खराब हो रही है। CPCB के मुताबिक, हवा उत्तर-पश्चिम दिशा से आ रही है, और इसकी गति 6 किलोमीटर प्रति घंटा रही। मंगलवार को हवा की गति 8 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की संभावना है, जबकि बुधवार को यह 12-16 किलोमीटर प्रति घंटा तक बढ़ सकती है।
दिल्ली के प्रमुख क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर:
CPCB के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई। सोमवार को कुछ प्रमुख इलाकों में AQI इस प्रकार रहा:
- शादीपुर: AQI 342
- नेहरू नगर: AQI 335
- आनंद विहार: AQI 311
- द्वारका सेक्टर 8: AQI 310
- बवाना: AQI 304
- वजीरपुर: AQI 290
- अशोक विहार: AQI 291
इन इलाकों में प्रदूषण का स्तर काफी अधिक था, और लोगों को सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था।
एनसीआर के अन्य क्षेत्रों का AQI:
एनसीआर में नोएडा का AQI सबसे बेहतर रहा, जहां AQI 166 था, जो मध्यम श्रेणी में आता है। इसके अलावा, अन्य एनसीआर क्षेत्रों का AQI निम्नलिखित रहा:
- फरीदाबाद: AQI 196
- ग्रेटर नोएडा: AQI 196
- गुरुग्राम: AQI 193
- गाजियाबाद: AQI 169
आने वाले दिनों के लिए पूर्वानुमान:
CPCB के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक प्रदूषण का स्तर जारी रहने की संभावना है, और हवा की दिशा और गति के कारण वायु गुणवत्ता में कोई खास बदलाव नहीं होगा। वेंटिलेशन इंडेक्स और मिक्सिंग डेप्थ का स्तर भी उच्चतम सीमा पर बने रहने की संभावना है, जिससे हवा में प्रदूषण की घनता बनी रहेगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि इन परिस्थितियों में नागरिकों को खासकर बाहरी गतिविधियों से बचने और मास्क का उपयोग करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि प्रदूषण से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।