
नोएडा, उत्तर प्रदेश (3 दिसंबर 2024) – उत्तर प्रदेश के किसानों ने मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया है। सरकार के प्रति असंतोष के कारण किसानों ने दिल्ली की ओर मार्च करने की योजना बनाई। भारी संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ दिल्ली की ओर निकल पड़े, जिससे दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा पुलिस के हाथ-पांव फूल गए।
किसानों ने पुलिस के सभी नाकों को तोड़ते हुए अपनी यात्रा जारी रखी।
किसानों के दिल्ली की ओर बढ़ने के दौरान पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोकने के लिए कई नाकेबंदी की। लेकिन किसानों ने पुलिस के सभी नाकों को तोड़ते हुए अपनी यात्रा जारी रखी। जब किसानों ने आगे बढ़ने का प्रयास किया, तो उनकी बढ़ती संख्या और संघर्ष ने पुलिस को बैकफुट पर ला दिया।
दिल्ली में लोकसभा सत्र चल रहा था, और जैसे ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को किसानों के दिल्ली में प्रवेश की जानकारी मिली, तो अधिकारियों के फोन की घंटी बजने लगी। इसे देखते हुए दिल्ली पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बल को तैनात किया गया। दिल्ली और हरियाणा पुलिस के जवान अपने-अपने बॉर्डरों पर तैनात हो गए। इसके अलावा, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सीमाओं पर भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई।
तो वे भारी संख्या में दिल्ली में प्रवेश करेंगे,
किसानों के दिल्ली प्रवेश को रोकने के लिए बातचीत की गई। लेकिन किसानों ने सरकार को एक अल्टीमेटम दिया है कि यदि 7 दिन के भीतर उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तो वे भारी संख्या में दिल्ली में प्रवेश करेंगे, जिससे राजधानी की कानून व्यवस्था पर गंभीर असर पड़ेगा।
इस संकट से निपटने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों को किसानों से बातचीत के लिए नियुक्त किया गया है। वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रालय के अधिकारियों को भी इस मामले को गंभीरता से लेने का निर्देश दिया गया है। सरकार ने किसानों से बात करने के लिए कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को भी तैनात किया है, ताकि उनके मुद्दों का समाधान किया जा सके।
क्या सरकार किसानों की मांगों को स्वीकार करती है
हालांकि, किसानों की समस्या का हल कब निकलेगा, यह तो 7 दिन बाद ही पता चलेगा। अब यह देखने की बात होगी कि क्या सरकार किसानों की मांगों को स्वीकार करती है, या फिर किसानों को आंदोलन को और तेज करने पर मजबूर किया जाएगा।