
गुरुग्राम : 13 दिसंबर 2024 /
गुरुग्राम में वर्ष 2020 में एक व्यक्ति की हत्या के मामले में चार आरोपियों को दोषी ठहराते हुए अदालत ने उन्हें उम्र भर की सजा (कठोर कारावास) और जुर्माने की सजा सुनाई है। यह मामला एक होटल में काम करने वाले कुक द्वारा अपने साथी के साथ हुई मारपीट के बाद हुआ विवाद था, जिसमें कुक के दोस्त की जान चली गई थी।
घटना
दिनांक 6 जनवरी 2020 को एक व्यक्ति ने थाना शहर, गुरुग्राम में एक शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसमें उसने बताया कि वह एक होटल में कुक के रूप में काम करता है। 5 और 6 जनवरी 2020 की रात को देवेंद्र नाम के एक व्यक्ति ने शराब के नशे में आकर होटल में इसके साथ गाली-गलौज की और मारपीट की। इसके बाद देवेंद्र ने अपने अन्य साथियों को बुलाया और वे सभी ओल्ड रेलवे रोड, भीम नगर के पास देवेंद्र का इंतजार करने लगे। जब देवेंद्र और उसके तीन साथी वहां पहुंचे, तो उन्होंने इन लोगों के साथ झगड़ा शुरू कर दिया। देवेंद्र और उसके साथियों ने शराब की बोतल और ईंट से इन लोगों की पिटाई की।
इस मारपीट के कारण इस व्यक्ति के दोस्त रविंदर को गंभीर चोटें आईं, जिनकी बाद में मृत्यु हो गई। शिकायत पर थाना शहर, गुरुग्राम में हत्या और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी:
गुरुग्राम पुलिस ने घटना के बाद आरोपियों की पहचान कर दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान विजय रावत (पर्वतीय कॉलोनी, जिला फरीदाबाद), संजय रावत (पर्वतीय कॉलोनी, जिला फरीदाबाद), बसंत (गांव गिट्टी गेरहा पिथौरागढ़, उत्तराखंड) और देवेंद्र (भीमनगर, गुरुग्राम) के रूप में हुई थी।
पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद मामले में सभी आवश्यक साक्ष्य और गवाह एकत्रित किए थे। इन साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
अदालत का निर्णय
12 दिसंबर 2024 को गुरुग्राम की अदालत में डॉ. गगन गीत कौर, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वारा मामले की सुनवाई की गई। अदालत ने पुलिस द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर चारों आरोपियों को दोषी करार दिया। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत दोष सिद्ध पाया गया। अदालत ने दोषी ठहराए गए आरोपियों को उम्र भर की सजा (कठोर कारावास) और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
यह फैसला मामले के साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर लिया गया, जिसमें पुलिस की कार्यवाही को सही ठहराया गया। इस फैसले के बाद आरोपियों के लिए यह एक चेतावनी है कि किसी भी प्रकार की हिंसा और हत्या के परिणाम गंभीर होते हैं।