
नई दिल्ली, 14 दिसंबर 2024
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाथरस रेप कांड के पीड़ित परिवार की सुरक्षा और उनके अधिकारों को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पीड़िता के परिवार को घर में बंद रखना और आरोपियों का खुलेआम घूमना संविधान के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ है। यह बयान राहुल गांधी ने सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंच पर दिया, जिसमें उन्होंने संवेदनशील मामलों में सरकार की लापरवाही पर सवाल उठाए।
राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी सरकार ने पीड़ित परिवार को सुरक्षित स्थान पर नया घर देने का वादा किया था, लेकिन वह अब तक पूरा नहीं हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपने वादों से पीछे हट गई है और पीड़ित परिवार आज भी असुरक्षा के माहौल में जीवन बिता रहा है। इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता ने दावा किया कि अगर सरकार पीड़ित परिवार का पुनर्वास नहीं करती है, तो I.N.D.I.A गठबंधन और कांग्रेस पार्टी स्वयं इस कार्य को पूरा करेंगे।
राहुल गांधी का यह बयान ऐसे समय आया है जब देश में महिला सुरक्षा और न्याय व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान को मानने वालों के लिए यह जरूरी है कि कमजोर और शोषित वर्गों के अधिकारों की रक्षा की जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि हाथरस मामले में न्याय की प्रक्रिया अधूरी है और सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है।
यह मामला साल 2020 में तब सुर्खियों में आया था जब हाथरस जिले की एक दलित युवती के साथ दरिंदगी हुई थी। इसके बाद देशभर में आक्रोश फैला और न्याय की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर आंदोलन हुए। हालांकि, घटना के बाद भी पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने में कई चुनौतियां सामने आईं।
राहुल गांधी ने अपने बयान में सरकार को घेरते हुए कहा कि “जब भी चुनाव आते हैं, तब वादों की झड़ी लगा दी जाती है, लेकिन इन वादों का कोई ठोस परिणाम नहीं निकलता।” उन्होंने पीड़ित परिवार की स्थिति को उजागर करते हुए यह भी कहा कि न्याय न केवल कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है, बल्कि यह एक संवैधानिक अधिकार है जिसे हर नागरिक को मिलना चाहिए।
कांग्रेस नेता के इस बयान से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार संवेदनशील मामलों में निष्क्रियता दिखा रही है, जबकि सत्तारूढ़ दल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए अपनी नीतियों का बचाव किया है।
राहुल गांधी का यह वादा कि कांग्रेस पार्टी पीड़ित परिवार की मदद करेगी, एक राजनीतिक रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है। लेकिन यह साफ है कि इस मुद्दे ने एक बार फिर देश में न्याय और महिला सुरक्षा पर बहस छेड़ दी है।
निष्कर्ष
हाथरस रेप पीड़िता का मामला सिर्फ एक कानूनी मुद्दा नहीं है, बल्कि यह समाज और प्रशासनिक तंत्र की जवाबदेही का सवाल भी है। राहुल गांधी का यह बयान सरकार को कटघरे में खड़ा करता है और न्याय की मांग को फिर से केंद्र में लाता है।