
प्रियंका गांधी ने 1971 के युद्ध के शहीदों को नमन करते हुए उठाए दो महत्वपूर्ण सवाल
नई दिल्ली, 16 दिसंबर 2024 – कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज संसद में 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के शहीदों, सैनिकों और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दो महत्वपूर्ण सवाल उठाए।
प्रियंका गांधी ने विजय दिवस पर संसद में बोलते हुए कहा, “आज हम उन शहीदों, सैनिकों और जांबाजों को नमन करते हैं जिन्होंने 1971 के युद्ध में भाग लिया। भारत की विजय उनके बिना संभव नहीं हो सकती थी। उस समय भारत अकेला खड़ा था, और पूरी दुनिया ने हमें नजरअंदाज किया था। बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ किसी ने आवाज नहीं उठाई थी। उस समय देश की जनता पूरी तरह से अपने नेतृत्व और सेना के साथ खड़ी थी। मैं प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी नमन करना चाहती हूं, जिन्होंने साहस और नेतृत्व का परिचय देते हुए देश को विजय दिलाई।”
प्रियंका गांधी ने बांग्लादेश की लड़ाई को ‘उसूलों की लड़ाई’ बताया और कहा कि इस संदर्भ में दो महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने हैं:
- बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार: प्रियंका गांधी ने बांग्लादेश में हो रहे अल्पसंख्यक हिंदू और ईसाई समुदाय के खिलाफ अत्याचारों को लेकर सरकार से आवाज उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत को बांग्लादेश के साथ इस मुद्दे पर बातचीत करनी चाहिए और वहां अत्याचार का शिकार होने वाले लोगों को पूरा समर्थन देना चाहिए। प्रियंका गांधी का यह बयान बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे कथित अत्याचारों को लेकर लगातार बढ़ती चिंताओं के बीच आया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को बांग्लादेश के साथ इस मामले में अपनी कूटनीतिक बातचीत को तेज करना चाहिए और उन लोगों का समर्थन करना चाहिए जो धार्मिक और जातीय भेदभाव का शिकार हो रहे हैं।
- सेना के हेडक्वार्टर से तस्वीर हटाना: प्रियंका गांधी ने सेना के हेडक्वार्टर से वह ऐतिहासिक तस्वीर हटाए जाने पर भी चिंता जताई, जिसमें पाकिस्तान की सेना भारत के सामने आत्मसमर्पण कर रही थी। यह तस्वीर भारत की ऐतिहासिक विजय का प्रतीक मानी जाती है, और प्रियंका ने इसे वापस लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस तस्वीर को हटाना एक ऐतिहासिक अस्वीकार है और यह भारतीय सेना की वीरता और राष्ट्र की एकता का अपमान है। प्रियंका गांधी ने इस मुद्दे को भी गंभीरता से उठाया और कहा कि यह तस्वीर भारतीय सैनिकों के पराक्रम का प्रतीक है और इसे सम्मान के साथ फिर से प्रदर्शित किया जाना चाहिए।
- भारत और बांग्लादेश के रिश्तों को लेकर एक महत्वपूर्ण सवाल उठ खड़ा हुआ
प्रियंका गांधी के इस बयान से एक बार फिर से भारत और बांग्लादेश के रिश्तों को लेकर एक महत्वपूर्ण सवाल उठ खड़ा हुआ है, साथ ही भारतीय सेना की ऐतिहासिक विजय के प्रतीक को सम्मान देने का मुद्दा भी सामने आया है। उनके बयान ने भारतीय राजनीति और कूटनीति में उन मुद्दों को उजागर किया है, जिन्हें अभी भी सुलझाया जाना बाकी है।