
समाधान शिविर में 24 मामलों की सुनवाई हुई, 6 का मौके पर किया निपटान
गुरूग्राम, 16 दिसंबर – राजस्व विभाग के एक कर्मचारी की विधवा पत्नी ने समाधान शिविर में अपनी समस्या उठाई, जिसमें उसने बताया कि उसके पति के निधन के बाद उसे नियमित रूप से तनख्वाह नहीं दी जा रही है। महिला की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए डीसी अजय कुमार ने तहसीलदार कार्यालय गुरूग्राम को निर्देश दिए कि महिला को बकाया वेतन जारी किया जाए और भविष्य में इसे नियमित रूप से भुगतान किया जाए।
यह मामला लघु सचिवालय सभागार में आयोजित समाधान शिविर के दौरान सामने आया, जहां डीसी अजय कुमार ने 24 मामलों की सुनवाई की। इनमें से 6 मामलों का मौके पर ही समाधान किया गया, जबकि बाकी मामलों में संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
विधवा महिला की शिकायत थी कि उसके पति पटवारी भूदेव शर्मा की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी और इसके बाद से उसे हर महीने विधवा पेंशन के रूप में वेतन मिलना चाहिए था। लेकिन पिछले पांच महीनों से वह वेतन नहीं मिल पा रहा था। डीसी ने तत्काल तहसीलदार गुरूग्राम को निर्देश दिए कि महिला को बकाया राशि जारी की जाए और भविष्य में उसकी तनख्वाह नियमित रूप से दी जाए।
इसके अलावा, समाधान शिविर में अन्य मामलों की भी सुनवाई की गई। गांव भांगरौला निवासी ईश्वर सिंह ने जमीनी विवाद के संदर्भ में शिकायत की और कहा कि उसे उप तहसील कार्यालय हरसरू की कार्यवाही से संतोष नहीं है। वह चाहता था कि उसका मामला सहायक कलैक्टर गुरूग्राम को स्थानांतरित किया जाए। इस पर डीसी ने नायब तहसीलदार गुरूग्राम को मामले की सुनवाई करने के निर्देश दिए।
पटौदी उपमंडल के गांव नानूकलां के प्रजापत समाज के कुछ लोगों ने शिकायत की कि उनके गांव में मिट्टी पाथने के लिए जो भूमि है, उस पर ग्राम पंचायत पार्क का निर्माण करना चाहती है। इसका असर उनके पारंपरिक काम पर पड़ेगा, क्योंकि इस भूमि पर मटका, सुराही, दीये आदि बनाने का काम होता है। इस पर डीसी ने एसडीएम पटौदी को मामले में उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
समाधान शिविर में डीसी अजय कुमार के साथ एसडीएम रविंद्र कुमार और नगराधीश कुंवर आदित्य विक्रम भी मौजूद रहे। इसके अलावा, इस अवसर पर एसीपी सुशीला, सदर कानूनगो गुलाब सिंह, डिप्टी सीएमओ डा. पवन, बिजली वितरण निगम के एसडीओ राजेश कौशिक, एचएसवीपी के एसडीओ अजमेर सिंह और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
इस शिविर के दौरान ग्रामीणों और शहरवासियों को अपनी समस्याओं के समाधान का अवसर मिला और विभिन्न मामलों पर त्वरित निर्णय लिए गए।