
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल
कहा- अंग्रेजों के दौर में किसानों के शोषण की याद दिला रही है भाजपा सरकार
चंडीगढ़, 16 दिसंबर – अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव और सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के बिगड़ते स्वास्थ्य को लेकर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में तुरंत कदम उठाने चाहिए और किसानों की मांगों पर विचार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तत्काल पहल करनी चाहिए। सैलजा ने यह भी कहा कि डल्लेवाल ने प्रधानमंत्री मोदी को खुले पत्र के माध्यम से 13 मांगें उठाई थीं, जिनमें एमएसपी गारंटी कानून भी शामिल था, लेकिन सरकार ने अब तक इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
कुमारी सैलजा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि खनौरी बार्डर पर धरने पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत लगातार बिगड़ रही है और उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। उन्होंने सरकार से अपील की कि किसानों की समस्याओं का समाधान किया जाए और किसानों से संवाद के लिए हठधर्मिता छोड़ दी जाए। सैलजा ने आरोप लगाया कि सरकार ने पंजाब और हरियाणा के बार्डरों को भारत-पाकिस्तान सीमा जैसा बना दिया है और किसानों की आवाज दबाने के बजाय उनके ऊपर पानी की बौछार और आंसू गैस का इस्तेमाल कर रही है।
सांसद ने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों से एमएसपी लागू करने का वादा किया था, लेकिन अब वह इस वादे को भूल चुकी है। यदि सरकार संविधान का थोड़ी भी इज्जत करती है, तो उसे यह स्वीकार करना चाहिए कि उसने किसानों से एमएसपी लागू करने का वादा किया था, जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया।
कुमारी सैलजा ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर सदन तक किसानों के हक के लिए लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार किसानों की बजाय पूंजीपतियों के हित में काम कर रही है और किसानों के मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रही। सैलजा ने यह भी कहा कि कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है और जब कांग्रेस की सरकार बनेगी, तो एमएसपी को कानूनी दर्जा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, “किसान कोई अपराधी नहीं हैं, और न ही उन्होंने किसी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है। फिर भी सरकार ने उन पर बर्बर लाठीचार्ज किया और ठंड के मौसम में उनके ऊपर पानी की बौछार व आंसू गैस छोड़ी। यह सरकार का तानाशाही रवैया है।”
कुमारी सैलजा ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने से क्यों पीछे हट रही है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि किसान अपनी फसलें उगाना बंद कर देंगे, तो दिल्ली का दरबार भी एक मिनट नहीं चल पाएगा।
अंत में उन्होंने भाजपा सरकार द्वारा किसानों के प्रति की जा रही बर्बरता को अंग्रेजों के दौर में किसानों के शोषण से जोड़ते हुए कहा कि यह सरकार किसानों के साथ जिस तरह का व्यवहार कर रही है, वह ब्रिटिश शासन के समय किसानों के साथ किए गए अत्याचारों की याद दिलाती है।