
दिल्ली: कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक’ पर अपनी पार्टी का स्पष्ट विरोध दर्ज किया है। उन्होंने कहा,
“कांग्रेस पार्टी इस विधेयक को दृढ़ता से, पूरी तरह से और व्यापक रूप से खारिज करती है। हम इसका संसद में विरोध करेंगे और इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में भेजने की मांग करेंगे।”
उन्होंने इसे असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि यह देश के लोकतंत्र और जवाबदेही का गला घोंटने की कोशिश है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी 17 जनवरी को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक पत्र लिखकर कांग्रेस पार्टी की आपत्तियां स्पष्ट की थीं।
जयराम रमेश ने आगे कहा कि,
“‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का विचार केवल पहला कदम है। असली उद्देश्य इस देश में एक नया संविधान लाना है। यह वही संविधान होगा जिसकी कल्पना आरएसएस ने की है। हमें पता है कि आरएसएस इस संविधान के बारे में क्या सोचता है। 30 नवंबर 1949 को उन्होंने इस संविधान को यह कहकर खारिज कर दिया था कि यह मनुस्मृति जैसे मूल्यों से प्रेरणा नहीं लेता।”
उन्होंने चेतावनी दी कि यह केवल ‘पहला मील का पत्थर’ है और असली इरादा संविधान को पूरी तरह बदलकर आरएसएस विचारधारा के अनुसार नया संविधान लाना है।
“हम इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं और लोकतंत्र की रक्षा के लिए खड़े रहेंगे।“