
दिल्ली, 17 दिसंबर: दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण (GRAP-IV) को फिर से लागू कर दिया गया है। यह कदम दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में लगातार वृद्धि और प्रदूषण स्तर 400 के पार जाने के बाद सरकार ने इस निर्णय को लागू किया।
GRAP-IV लागू होने के बाद उठाए गए कदम
ग्राप-IV के तहत, दिल्ली और NCR में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई सख्त कदम उठाए जाएंगे। पांचवी कक्षा तक के स्कूलों को हाइब्रिड मोड में चलाने के निर्देश दिए गए हैं। इसका मतलब यह है कि छोटे बच्चों को स्कूल में आने की बजाय ऑनलाइन क्लासेस की व्यवस्था की जाएगी। यह कदम बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, ताकि उन्हें प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों से बचाया जा सके।
वर्क फ्रॉम होम का आदेश
इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने सरकारी दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम की योजना पर विचार करना शुरू कर दिया है। जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार पहुंच जाता है, तो यह संकेत है कि वायु प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। ऐसे में, सरकारी कर्मचारी घर से काम करेंगे ताकि वे प्रदूषण से प्रभावित न हों और उनकी सेहत पर इसका असर न पड़े।
वायु प्रदूषण की स्थिति
दिल्ली में वायु प्रदूषण फिर से एक खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ने 400 के पार की सीमा को छू लिया है, जो कि ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। इस स्तर पर हवा में मौजूद हानिकारक तत्वों का असर सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन, और अन्य शारीरिक समस्याओं के रूप में देखने को मिल सकता है। यह स्थिति खासकर बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन रोगों से ग्रस्त लोगों के लिए बेहद खतरनाक है।
GRAP-IV के प्रभाव
GRAP-IV के तहत, दिल्ली सरकार द्वारा कई सख्त कदम उठाए जा रहे हैं, जैसे कि निर्माण कार्यों को रोकना, ट्रकों की आवाजाही पर पाबंदी, और कूड़े के जलाने पर सख्ती। साथ ही, प्रदूषण के स्रोतों को नियंत्रित करने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे। इन सभी प्रयासों का उद्देश्य दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करना और लोगों की सेहत को बचाना है।