
नई दिल्ली, 18 दिसंबर: दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच एक नया सियासी घमासान छिड़ गया है। यह विवाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर पर दिए गए एक बयान को लेकर हुआ है। आम आदमी पार्टी ने शाह के इस बयान का विरोध करते हुए दिल्ली में जोरदार प्रदर्शन किया है।
AAP का BJP के खिलाफ हल्लाबोल
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में बीजेपी के खिलाफ एक बड़ा प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन दिल्ली के मुख्यालय समेत कई प्रमुख स्थानों पर हुआ। AAP ने आरोप लगाया कि बीजेपी और उनके नेता जानबूझकर डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान को नकारने और उन्हें कमजोर दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने न केवल अमित शाह के बयान की आलोचना की, बल्कि यह भी कहा कि बीजेपी हमेशा दलितों और पिछड़े वर्गों के प्रतीक अम्बेडकर का अपमान करती है। AAP ने दिल्ली की सड़कों पर उतरकर इसका विरोध किया और इस मुद्दे को पूरे देश के सामने लाने की कोशिश की।
शाह के बयान का विरोध
अमित शाह ने हाल ही में एक बयान में डॉ. अंबेडकर की भूमिका को लेकर कुछ टिप्पणियां की थीं, जिन्हें आम आदमी पार्टी ने गलत बताया। शाह के बयान में अंबेडकर के योगदान का सही तरीके से उल्लेख नहीं किया गया, जिससे दलित समुदाय के लोगों में गुस्सा था। AAP ने इसे बीजेपी की एक साजिश करार दिया, जिसमें पार्टी बाबा साहेब की विरासत को कमजोर करना चाहती है।
आम आदमी पार्टी के नेता इस बयान को “दलितों का अपमान” मानते हैं और उनके मुताबिक, यह बयान सीधे तौर पर बाबा साहेब के विचारों और उनके संघर्ष के खिलाफ है।
दिल्ली मुख्यालय पर AAP का संग्राम
दिल्ली में आम आदमी पार्टी के मुख्यालय पर यह मुद्दा और भी गर्म हो गया। पार्टी के वरिष्ठ नेता इस प्रदर्शन में शामिल हुए और उन्होंने शाह के बयान को पूरी तरह से निंदनीय बताया। उन्होंने कहा कि यह बयान न केवल अंबेडकर के अपमान के रूप में देखा जा सकता है, बल्कि यह पूरे दलित समुदाय की भावनाओं को आहत करता है।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी चेतावनी दी कि अगर बीजेपी ने अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की, तो पार्टी भविष्य में इस मामले को और तेज़ी से उठाएगी और दिल्ली समेत अन्य राज्यों में विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
अम्बेडकर का नाम सियासी घमासान में
डॉ. भीमराव अंबेडकर का नाम अब दिल्ली में एक सियासी हथियार बन गया है। आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे को उठाकर अपनी राजनीतिक ताकत को बढ़ाने की कोशिश की है, वहीं बीजेपी ने इस प्रदर्शन पर अपनी चुप्पी साधी रखी है। दिल्ली में यह विवाद अब एक बड़ा सियासी टकराव बन चुका है, जहां आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज़ हो गया है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह विवाद दिल्ली के आगामी चुनावों के लिहाज से महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि दलित और पिछड़ा वर्ग दोनों ही दिल्ली की राजनीति में महत्वपूर्ण वोटबैंक हैं। आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को अपने पक्ष में लाकर वोट बैंक को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है।
इस राजनीतिक घमासान से अब यह साफ हो गया है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच संघर्ष तेज़ हो चुका है, और आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और भी बहस हो सकती है।