
गुरुग्राम, 19 दिसंबर: हरियाणा सरकार द्वारा अवैध पार्किंग माफियाओं के खिलाफ चलाए गए अभियान को गुरुग्राम के उद्योग विहार फेस 4 में पूरी तरह से विफल होते हुए देखा जा रहा है। यहां पर ग्रीन पार्क (ग्रीन बेल्ट) को खत्म करके अवैध पार्किंग बनाई गई है, जो लाखों रुपये प्रतिदिन वसूली कर रही है। इन गतिविधियों से न केवल गुरुग्राम में, बल्कि पूरे देश में हरियाणा सरकार की किरकिरी हो रही है।
अवैध पार्किंग का खुलासा
दिल्ली जयपुर हाईवे पर स्थित ग्रीन बेल्ट, जो पहले एक हरा-भरा पार्क था, अब अवैध पार्किंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इस स्थान पर उद्योगों की बड़ी-बड़ी गाड़ियां खड़ी रहती हैं, और इनसे लाखों रुपये महीने में वसूले जाते हैं। एक स्थानीय व्यक्ति ने नाम न बताने की शर्त पर यह भी बताया कि अवैध पार्किंग चलाने वालों की सीधी बात डीटीपी अधिकारी आर एस भाट से होती है। इससे यह सवाल उठता है कि प्रशासन और अधिकारियों की मिलीभगत के कारण यह अवैध धंधा धड़ल्ले से चल रहा है।
आधिकारिक अभियान की नाकामी
गुरुग्राम में (गुरुग्राम डेवलपमेंट प्राधिकरण) विभाग ने अवैध कॉलोनियों और पार्किंग माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाया था, लेकिन उद्योग विहार फेस 4 में यह अभियान पूरी तरह विफल हो गया। इस इलाके में सड़कों पर अवैध पार्किंग और रेडी वालों का कब्जा बना हुआ है। स्थानीय नागरिक और व्यापारिक संस्थान लगातार इसकी शिकायत करते आ रहे हैं, लेकिन प्रशासन और संबंधित अधिकारियों की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप
स्थानीय लोग यह आरोप लगा रहे हैं कि अधिकारियों की मिलीभगत या सांठगांठ के कारण अवैध पार्किंग माफिया फल-फूल रहा है। पहले जो ग्रीन बेल्ट एक हरा-भरा पार्क था, अब वह पूरी तरह से अवैध पार्किंग के लिए इस्तेमाल हो रहा है, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि नागरिकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
डीटीपी अधिकारी आर एस भाट की भूमिका
डीटीपी आर एस भाट को एक सख्त अधिकारी के रूप में जाना जाता है, लेकिन उनकी देखरेख में गुरुग्राम में अवैध पार्किंग माफिया और अवैध कॉलोनियों का कारोबार बढ़ रहा है। काफी वर्षों से गुरुग्राम में तैनात होने के बावजूद वे इस अवैध गतिविधि को नियंत्रित करने में विफल रहे हैं। इससे यह सवाल उठता है कि यह विभाग की कमजोरी है या फिर विभाग के बड़े अधिकारियों की मिलीभगत।
पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता
यह अवैध पार्किंग केवल ग्रीन बेल्ट में ही नहीं, बल्कि गुरुग्राम के अन्य चौकों और डिवाइडरों में भी देखी जा सकती है। यहां तक कि पैदल चलने वालों के लिए बनाए गए डिवाइडर पर भी अवैध रूप से गाड़ियां खड़ी की जाती हैं, और पुलिस केवल इन पर निगरानी करती है। विभाग के अधिकारी इस पर आंखें मूंदे हुए हैं और कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
अधिकारियों की मिलीभगत ने सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
गुरुग्राम के उद्योग विहार में अवैध पार्किंग माफिया और कॉलोनी माफिया के खिलाफ प्रशासन की निष्क्रियता और अधिकारियों की मिलीभगत ने सरकार के अभियान की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। यदि प्रशासन ने सख्त कदम नहीं उठाए, तो यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है, और नागरिकों को इस अव्यवस्था का सामना करना पड़ेगा।