
राजीव चौक, गुरुग्राम: प्रशासन की नाकामी और अव्यवस्था का प्रतीक
गुरुग्राम, 24 दिसंबर।
दिल्ली से सटे गुरुग्राम का राजीव चौक, जो कभी शहर की पहचान और प्रमुख यातायात केंद्र हुआ करता था, आज ट्रैफिक जाम, गंदगी और अव्यवस्था का गढ़ बन चुका है। ट्रैफिक अधिकारियों की लापरवाही और नगर निगम की अनदेखी ने इस चौक की हालत को और बदतर बना दिया है।
फुटपाथों पर अवैध कब्जे
राजीव चौक पर पैदल यात्रियों के लिए बने फुटपाथों पर अवैध कब्जा कर लिया गया है।
- थ्री-व्हीलर चालकों ने इसे स्थायी पार्किंग बना लिया है।
- गंदगी और पत्थर बिखरे होने के कारण पैदल चलने वालों को मुख्य सड़क से गुजरना पड़ता है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।
फ्लाईओवर के नीचे असामाजिक गतिविधियां
राजीव चौक के फ्लाईओवर के नीचे का क्षेत्र अब नशेड़ी और जुआरियों का ठिकाना बन चुका है।
- रात के समय असामाजिक तत्वों की भीड़ जमा रहती है।
- कुछ परिवारों ने यहां अस्थायी घर भी बना लिए हैं।
- नशाखोरी और जुए की गतिविधियों ने इसे अपराध का केंद्र बना दिया है।
ट्रैफिक जाम और पुलिस की लापरवाही
हर समय राजीव चौक पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है।
- यातायात पुलिस सिर्फ छोटी गाड़ियों पर ध्यान देती है।
- सवारी गाड़ियों और थ्री-व्हीलर्स को नजरअंदाज किया जाता है।
- स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस और चालकों की मिलीभगत से अव्यवस्था बढ़ रही है।
सरकारी योजनाएं और विफलता
हरियाणा सरकार और नगर निगम ने करोड़ों रुपये खर्च कर इस चौक को सुधारने की योजना बनाई थी, लेकिन:
- जल निकासी और सौंदर्यीकरण के कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिले।
- चौक की हालत पहले से भी ज्यादा खराब हो चुकी है।
महत्वपूर्ण स्थानों के बावजूद अनदेखी
पुलिस कमिश्नर कार्यालय और अन्य सरकारी विभागों के नजदीक होने के बावजूद यहां की स्थिति में कोई सुधार नहीं दिखता।
- यहां से मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भी गुजरते हैं, फिर भी प्रशासनिक निगरानी का अभाव है।
स्थानीय निवासियों की परेशानी
राजीव चौक पर बढ़ती अव्यवस्था से आम जनता बेहद परेशान है।
- ट्रैफिक जाम और गंदगी ने आवागमन को मुश्किल बना दिया है।
- स्थानीय निवासियों ने प्रशासन की निष्क्रियता पर नाराजगी जताई है।
सुधार के लिए जरूरी कदम
राजीव चौक की हालत सुधारने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है:
1. फुटपाथों को अवैध कब्जे से मुक्त किया जाए।
2. फ्लाईओवर के नीचे असामाजिक गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
3. ट्रैफिक पुलिस को अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए जवाबदेह बनाया जाए।
4. साफ-सफाई और जल निकासी की व्यवस्था सुधारी जाए।