
नई दिल्ली, 31 दिसंबर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी चुनावों और राजनीतिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए अपने संगठनात्मक ढांचे में बड़े बदलाव की तैयारी की है। पार्टी सात राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति करेगी और “एक व्यक्ति, एक पद” के सिद्धांत को सख्ती से लागू करने पर जोर दे रही है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव: जनवरी-फरवरी में
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव जनवरी के अंत या फरवरी के पहले सप्ताह में होगा।
- वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ-साथ उनके अन्य पदों को ध्यान में रखते हुए संगठन में नई जिम्मेदारियां तय की जाएंगी।
- पार्टी इस चुनाव से पहले दोहरी जिम्मेदारियों को खत्म करने की नीति पर काम करेगी।
सात राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति
बिहार
- वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल मंत्री पद भी संभाल रहे हैं।
- पार्टी तय करेगी कि जायसवाल अध्यक्ष बने रहें या नया चेहरा लाया जाए।
महाराष्ट्र
- वर्तमान अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले मंत्री पद पर हैं।
- नए नामों में सुधीर मुंगटीवार और रविंद्र चव्हाण प्रमुख दावेदार हैं।
गुजरात
- अध्यक्ष सीआर पाटिल केंद्र में मंत्री बन गए हैं।
- मयंक नायक और जगदीश विश्वकर्मा का नाम चर्चा में है।
मध्य प्रदेश
- वीडी शर्मा लंबे समय से अध्यक्ष पद पर हैं।
- संभावित नामों में नरोत्तम मिश्रा, फग्गन सिंह कुलस्ते, और लाल सिंह आर्य शामिल हैं।
पश्चिम बंगाल
- वर्तमान अध्यक्ष सुकांत मजूमदार की जगह नया नेतृत्व लाने की योजना है।
उत्तर प्रदेश
- प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के स्थान पर बदलाव की संभावना है।
झारखंड
- खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी आदिवासी और गैर-आदिवासी समीकरण को ध्यान में रखते हुए नए अध्यक्ष की नियुक्ति करेगी।
अन्य संभावित संगठनात्मक बदलाव
- आदिवासी और युवा नेतृत्व को प्राथमिकता दी जाएगी।
- जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं की सक्रियता बढ़ाने के लिए नए चेहरों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
भाजपा की चुनावी रणनीति
भाजपा के ये बदलाव आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। संगठनात्मक सुधारों से पार्टी न केवल आंतरिक एकता बढ़ाएगी, बल्कि क्षेत्रीय समीकरण भी मजबूत करेगी।