
नई शुरुआत की, ईवीएम पर उठाए सवाल
उड़ीसा, 31 दिसंबर। ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल (बीजद) के प्रमुख नवीन पटनायक ने अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार खुलकर विपक्ष की भूमिका निभाने का निर्णय लिया है। 24 वर्षों तक लगातार लोकसभा और विधानसभा चुनावों में सफलता प्राप्त करने वाले पटनायक ने हाल ही में एक हार के बाद भाजपा के प्रति अपनी समर्थन वाली स्थिति में बदलाव किया है। अब उन्होंने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं और बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग का समर्थन किया है। यह कदम उनके राजनीतिक जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत है, क्योंकि पहले वे भाजपा के प्रति अपनी समर्पित और सहायक भूमिका के लिए जाने जाते थे।
ईवीएम पर गंभीर आरोप
नवीन पटनायक और उनकी पार्टी बीजद ने हाल के चुनावों में चुनावी गड़बड़ियों की कई गंभीर शिकायतें चुनाव आयोग से की हैं। पटनायक ने कहा कि उन्होंने जो मतदान के आंकड़े देखे, उनमें शाम पांच बजे तक के आंकड़ों और अंतिम गिनती में अप्रत्याशित अंतर पाया है। उनका कहना है कि कई सीटों पर चुनाव परिणाम शाम पांच बजे जो थे, उससे 30 फीसदी अधिक मतदान का अंतिम आंकड़ा आया। यह आंकड़ा उनके अनुसार बिल्कुल असंभव था। बीजद ने इस बात पर जोर दिया है कि या तो ईवीएम में गड़बड़ी है, या मैनुअल गिनती में, या फिर पूरी चुनावी प्रक्रिया में कहीं न कहीं गड़बड़ी हुई है।
चुनाव आयोग का जवाब
चुनाव आयोग ने अब तक बीजद की शिकायतों का कोई जवाब नहीं दिया है। बीजद ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग ने उनकी गंभीर शिकायतों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। पटनायक ने कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे को उठाती रहेगी और चुनाव आयोग से पारदर्शिता की मांग करेगी।
विपक्षी राजनीति में शामिल होने की दिशा
अब पटनायक ने विपक्षी दलों के साथ गठबंधन की ओर कदम बढ़ाया है। उनका मानना है कि अगर कांग्रेस राजी नहीं होती है, तो भी अन्य कई विपक्षी दल हैं जो उनका स्वागत करेंगे। यह बदलाव उनके राजनीतिक दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाता है। पटनायक का यह कदम भाजपा के खिलाफ एक सामूहिक विपक्षी अभियान की ओर इशारा करता है, जिसमें वह चुनावी गड़बड़ियों पर एकजुट होकर आवाज उठाने के लिए तैयार हैं।
चुनाव आयोग और विपक्ष के साथ सहयोग
पटनायक की पार्टी बीजद अब यह रणनीति बना रही है कि चुनाव आयोग के खिलाफ विपक्ष के अन्य दलों के साथ मिलकर एक अभियान चलाया जाए। विपक्षी दलों से संभावित सहयोग पर विचार करते हुए पटनायक ने यह संकेत दिया है कि यदि कांग्रेस भी उनके साथ आती है, तो यह गठबंधन और भी प्रभावशाली हो सकता है।
नवीन पटनायक का यह कदम उनकी पार्टी के लिए एक नए राजनीतिक दृष्टिकोण का परिचायक है। अब तक भाजपा के प्रति समर्थन दर्शाने वाले पटनायक ने विपक्ष के साथ गठबंधन की ओर कदम बढ़ाया है, जो आगामी चुनावों में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक पहल बन सकता है। उनकी पार्टी की चुनावी गड़बड़ियों पर उठाए गए सवाल और चुनाव आयोग के खिलाफ अभियान उनके बदलते राजनीतिक समीकरण को दिखाते हैं।