गुरुग्राम: किसानों का गुस्सा शांत कर भेजा वापस
31 दिसंबर 2024, गुरुग्राम-सोहना:
गुरुग्राम एचएसआईडीसी (हरियाणा राज्य औद्योगिक और अवसंरचनात्मक विकास निगम) के अधिकारियों ने आज मेवात में एक बड़े विवाद को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई। सोहना आईएमटी में किसानों द्वारा मुआवजे की मांग और क्षेत्रीय पहचान के मुद्दे पर सड़क पर उतरने की सूचना मिलते ही, एचएसआईडीसी के डीजीएम अरुण गर्ग ने अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर किसानों से संवाद स्थापित किया।
प्रदर्शन के कारण:
पिछले कई महीनों से सोहना आईएमटी के किसान अपनी भूमि के मुआवजे को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि आईएमटी मेवात क्षेत्र में स्थित है, लेकिन यहां लगाए गए होर्डिंग्स में “गुरुग्राम” का नाम इस्तेमाल किया गया है, जिससे उनकी क्षेत्रीय पहचान के साथ अन्याय हो रहा है। किसानों ने मुआवजे की मांग के साथ-साथ होर्डिंग्स पर “मेवात” का नाम शामिल करने की भी मांग की।
अधिकारियों की त्वरित कार्रवाई:
जैसे ही किसानों के प्रदर्शन की सूचना मिली, एचएसआईडीसी के डीजीएम अरुण गर्ग ने टीम के साथ मेवात का दौरा किया। टीम में एजीएम अमित दलाल, सीनियर मैनेजर अब्दुल हमीद खान और मैनेजर नवीन मलिक शामिल थे। अरुण गर्ग ने दो घंटे तक किसानों से बातचीत कर उनका गुस्सा शांत किया और उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का भरोसा दिलाया।
अरुण गर्ग का बयान:
“किसान देश की रीढ़ हैं। सरकार या प्रशासनिक अधिकारी उनके साथ अन्याय नहीं कर सकते। आपकी मांगों को पहले भी हमने उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया है और अब फिर से सरकार के समक्ष आपके मुद्दे रखेंगे। हम आपका हरसंभव सहयोग करेंगे।”
गुस्साए किसानों की मांगे:
- भूमि मुआवजे में बढ़ोतरी।
- आईएमटी के होर्डिंग्स में “गुरुग्राम” की जगह “मेवात” का नाम शामिल करना।
- परियोजना से जुड़े अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए उच्च अधिकारियों के साथ बैठक।
शांतिपूर्ण समाधान:
अधिकारियों के ठोस आश्वासन के बाद किसान, महिलाएं और बच्चे ट्रैक्टरों में भरकर अपने घर लौट गए। ठंड के मौसम में घर लौटने के लिए अधिकारियों ने किसानों से अपील की, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया।
आगे की रणनीति:
कुछ किसानों ने प्रशासन से उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की मांग की है। इस बैठक को लेकर जल्द ही तारीख तय होने की संभावना है। माना जा रहा है कि इस बैठक में मुआवजा बढ़ाने और अन्य मांगों पर चर्चा होगी।
स्थानीय प्रशासन का बयान:
“सरकार किसानों की मांगों को गंभीरता से ले रही है। बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने का प्रयास जारी रहेगा।”
पृष्ठभूमि:
सोहना आईएमटी, जो मेवात क्षेत्र में स्थित है, औद्योगिक विकास के लिए एक प्रमुख परियोजना है। हालांकि, यह क्षेत्रीय पहचान और मुआवजे को लेकर लंबे समय से विवादों में रहा है।
एचएसआईडीसी के अधिकारियों की सूझबूझ और शांतिपूर्ण वार्ता से एक बड़ा मामला टल गया। अब सभी की नजरें आगामी बैठक पर टिकी हैं, जो किसानों और प्रशासन के बीच विश्वास बहाली का काम कर सकती है।