
भागकर शादी करने वाले प्रेमी जोड़ों की सुरक्षा के लिए नई प्रक्रिया लागू
चंडीगढ़, 3 जनवरी: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने भागकर शादी करने वाले प्रेमी जोड़ों को उनके परिवार या रिश्तेदारों से संभावित खतरों से बचाने के लिए एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। यह फैसला संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने और प्रशासनिक तंत्र को अधिक संवेदनशील व प्रभावी बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
फैसले की मुख्य बातें:
1. स्थानीय पुलिस को प्राथमिक भूमिका:
- ऐसे जोड़ों को सबसे पहले अपने इलाके की स्थानीय पुलिस के पास शिकायत दर्ज करानी होगी।
- शिकायत पर कार्रवाई का जिम्मा एक नामित पुलिस अधिकारी का होगा, जिसकी रैंक एएसआई (ASI) से कम नहीं होगी।
- पुलिस अधिकारी को तीन दिनों के भीतर शिकायत का निपटारा करना होगा।
2. अपील की प्रक्रिया:
- यदि जोड़े नामित अधिकारी के निर्णय से असंतुष्ट हैं, तो वे अगले तीन दिनों के भीतर अपनी अपील डीएसपी (DSP) रैंक के अधिकारी के पास ले जा सकते हैं।
- डीएसपी को इस अपील पर विचार करके सात दिनों के भीतर निर्णय लेना होगा।
3. हाई कोर्ट में अपील का प्रावधान:
- डीएसपी द्वारा लिए गए निर्णय से असंतुष्ट होने पर ही जोड़े हाई कोर्ट का रुख कर सकते हैं।
फैसले का उद्देश्य:
हाई कोर्ट ने कहा कि यह प्रक्रिया न केवल प्रेमी जोड़ों के संवैधानिक अधिकारों को सुरक्षित करेगी, बल्कि प्रशासनिक तंत्र के भीतर दक्षता और करुणा की संस्कृति को भी बढ़ावा देगी। इस फैसले से:
- शिकायत निवारण की गति तेज होगी।
- पुलिस और प्रशासन पर जवाबदेही बढ़ेगी।
- अनावश्यक रूप से कोर्ट का समय बर्बाद होने से बचाया जा सकेगा।
पृष्ठभूमि:
भागकर शादी करने वाले जोड़े अक्सर सामाजिक, पारिवारिक और सांस्कृतिक दबावों का सामना करते हैं। कई मामलों में उनके परिवार या रिश्तेदार उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की कोशिश करते हैं। इसी संदर्भ में हाई कोर्ट ने एक ऐसी संरचना विकसित की है, जो उनकी सुरक्षा और अधिकारों को सुनिश्चित करती है।
विशेषज्ञों की राय:
कानूनी विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हाई कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे ऐसे जोड़ों को न्याय मिलने में तेजी आएगी और पुलिस व प्रशासनिक तंत्र को भी अधिक जिम्मेदार बनाया जा सकेगा।
यह फैसला उन प्रेमी जोड़ों के लिए राहत और सुरक्षा का मजबूत आधार तैयार करता है, जो अपने रिश्ते के कारण समाज और परिवार के विरोध का सामना करते हैं। प्रशासनिक स्तर पर त्वरित कार्रवाई के माध्यम से न केवल उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि उन्हें एक बेहतर और सुरक्षित जीवन जीने का अवसर भी मिलेगा।
यह दिशा-निर्देश जल्द ही लागू होंगे, जिससे प्रेमी जोड़ों की समस्याओं का त्वरित और संवेदनशील समाधान संभव होगा।