गुरुग्राम और मानेसर नगर निगम चुनाव: तारीखें फिर टलने की संभावना
गुरुग्राम और मानेसर नगर निगम चुनाव की अनिश्चितता बढ़ी
गुरुग्राम और मानेसर के नगर निगम चुनावों की तारीखें फिर से टल सकती हैं। यह देरी उम्मीदवारों और जनता के लिए निराशाजनक है, क्योंकि लंबे समय से ये चुनाव बहुप्रतीक्षित रहे हैं। मेयर पद के प्रत्याशी भी चुनाव की तारीख घोषित होने का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे अपना अभियान तेज कर सकें।
चुनावी तैयारियां अधूरी, तारीखों पर संशय
चुनाव आयोग ने गुरुग्राम और मानेसर के लिए तैयारियों को लगभग पूरा बताया था। हालांकि, अब तक तारीख की घोषणा न होने से प्रत्याशियों और उनके समर्थकों की उम्मीदें टूट रही हैं। भाजपा के सत्ता में तीसरी बार आने के बाद, नगर निगम चुनावों की उम्मीदें बढ़ी थीं, लेकिन अब ये और धुंधली होती नजर आ रही हैं।
मेयर पद की होड़ और खर्च का दबाव
सत्ताधारी पार्टी के नेता और अन्य उम्मीदवार चुनाव की घोषणा के इंतजार में लाखों रुपये खर्च कर चुके हैं। कार्यालय खोलने और प्रचार शुरू करने के बाद, हर बार चुनाव की तारीख टलने से उनके संसाधनों पर भारी असर पड़ा है।
मानेसर चुनाव: चार साल का इंतजार
मानेसर नगर निगम का चुनाव भी पिछले चार वर्षों से टल रहा है। भाजपा ने पहले विधानसभा चुनावों के प्रभाव को देखते हुए इन चुनावों को टालने का निर्णय लिया था। लेकिन अब जब भाजपा फिर से सत्ता में है, तब भी नगर निगम चुनावों पर कोई स्पष्टता नहीं है।
मुख्यमंत्री की चुप्पी और जनता की निराशा
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने नगर निगम चुनावों पर बयान देने से बचते हुए “इंतजार करो” का जवाब दिया है। इस तरह की चुप्पी ने जनता और उम्मीदवारों के बीच अनिश्चितता और बढ़ा दी है।
फरवरी में चुनाव की संभावना?
अब यह देखना बाकी है कि क्या फरवरी में चुनाव होंगे या फिर एक बार और तारीख टाल दी जाएगी। जनता और नेताओं को इस स्थिति का समाधान जल्द मिलने की उम्मीद है।