
गुरुग्राम, 7 जनवरी:
जिला गुरुग्राम में 8 मार्च 2025 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है। इसका उद्देश्य न्यायालय में लंबित मामलों का सौहार्दपूर्ण और त्वरित निस्तारण करना है।
लोक अदालत के उद्देश्य और लाभ:
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण (डीएलएसए) के सचिव श्री रमेश चंद्र ने बताया कि लोक अदालत के माध्यम से विवादों का समाधान आपसी सहमति और राजीनामे के आधार पर किया जाता है।
- शीघ्र और सुलभ न्याय प्रदान किया जाता है।
- लोक अदालत में सुनाए गए फैसले के खिलाफ अपील दायर नहीं की जा सकती।
- इसमें समय और पैसे की बचत होती है।
- विवादों का अंतिम समाधान सौहार्दपूर्ण वातावरण में किया जाता है।
किन मामलों का होगा निपटारा?
राष्ट्रीय लोक अदालत में निम्नलिखित मामलों का समाधान किया जाएगा:
- बैंक लोन से संबंधित विवाद।
- मोटर एक्सीडेंट क्लेम।
- एनआई एक्ट (धारा 138 के तहत चेक बाउंस मामले)।
- फौजदारी मामले।
- राजस्व विवाद।
- वैवाहिक विवाद।
आवेदन प्रक्रिया:
- वादकारी स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से लोक अदालत में अपने मामलों का निपटारा करा सकते हैं।
- लोक अदालत में निपटारे के लिए दोनों पक्षों की आपसी सहमति अनिवार्य है।
लोक अदालत की विशेषता:
श्री रमेश चंद्र ने बताया कि लोक अदालतों में फैसलों की अहमियत सामान्य अदालतों में दिए गए फैसलों के बराबर होती है। इसके माध्यम से वादकारियों को बिना किसी देरी और अतिरिक्त खर्च के न्याय मिलता है।
- लोक अदालत में ना हार होती है, ना जीत, बल्कि यह दोनों पक्षों की सहयोग और सहमति पर आधारित होती है।
- यह प्रक्रिया लोगों को न्याय व्यवस्था में विश्वास बढ़ाने और विवादों का हल करने का एक प्रभावी तरीका है।
समापन विचार:
राष्ट्रीय लोक अदालत का यह आयोजन न्याय व्यवस्था को त्वरित और सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। गुरुग्राम जिले के वादकारियों को इस अवसर का लाभ उठाने और अपने विवादों का शांतिपूर्ण समाधान कराने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।