महाराष्ट्र, 8 जनवरी:
महाराष्ट्र में अजित पवार और शरद पवार के बीच पुनः मिलन की संभावना को लेकर राजनीति में हलचल मच गई है। एनसीपी (एससीपी) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने अजित पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट पर तीखा हमला करते हुए यह दावा किया कि सुनील तात्कारे ने उनके सांसदों से संपर्क करने की कोशिश की थी। आव्हाड ने यह स्पष्ट किया कि एनसीपी (एससीपी) के 100% सांसद शरद पवार के साथ मजबूती से खड़े हैं। उन्होंने कहा कि जब शरद पवार किसी गुट से जुड़ने का निर्णय नहीं लेते, तो उनके समर्थक कभी भी अपनी निष्ठा से नहीं डगमगाते।
समर्थन और वफादारी का सवाल
आव्हाड ने यह भी बताया कि पार्टी के भीतर वफादारी और समर्थन में कोई कमी नहीं है, चाहे कुछ भी हो। उनका यह बयान साफ तौर पर एनसीपी के भीतर चल रहे सत्ता संघर्ष और पार्टी की एकजुटता को दर्शाता है। वे यह भी मानते हैं कि शरद पवार का हर कदम पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए होता है और उनके समर्थक हमेशा उनके साथ खड़े रहते हैं।
इंडिया गठबंधन में अफवाहों का खेल
इसके अतिरिक्त, आव्हाड ने यह भी खुलासा किया कि इंडिया गठबंधन (DA) में नितीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू जैसे प्रमुख नेताओं को बनाए रखने को लेकर कई अफवाहें फैल रही हैं। उनका कहना है कि इन अफवाहों को जानबूझकर फैलाया जा रहा है ताकि विपक्षी दलों के भीतर असमंजस और भ्रम पैदा किया जा सके। यह बयान एक बार फिर यह साबित करता है कि महाराष्ट्र की राजनीति और विपक्षी गठबंधन में अंदरूनी तनाव बढ़ता जा रहा है।
राजनीतिक परिदृश्य में अजित और शरद का संबंध
अजित पवार और शरद पवार के रिश्ते में गहरे राजनीतिक संघर्ष का इतिहास रहा है। इन दोनों के बीच का यह तनाव सिर्फ महाराष्ट्र की राजनीति पर नहीं, बल्कि पूरे विपक्षी गठबंधन की रणनीतिक दिशा पर भी असर डाल सकता है। यह घटनाक्रम महाराष्ट्र और उससे बाहर की राजनीति में नए समीकरणों की ओर इशारा करता है, जो आगामी चुनावों के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।