
राजस्थान के जाट समाज को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल
दिल्ली के जाट समाज के साथ अन्याय
नई दिल्ली, 9 जनवरी। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले 10 सालों से दिल्ली के जाट समाज के साथ बड़ा धोखा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जाट समाज को केंद्र सरकार की ओबीसी लिस्ट में शामिल करने के वादे बार-बार किए गए, लेकिन उसे आज तक पूरा नहीं किया गया।
जाट समाज को लेकर मुख्य मुद्दा
केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली सरकार की ओबीसी लिस्ट में जाट समाज का नाम शामिल है, लेकिन केंद्र की ओबीसी लिस्ट में दिल्ली के जाट समाज को स्थान नहीं दिया गया है। इसका नतीजा यह है कि:
- दिल्ली विश्वविद्यालय और अन्य केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में जाट समाज के बच्चों को आरक्षण नहीं मिलता।
- दिल्ली पुलिस में आरक्षण जैसी सुविधाएं दिल्ली के जाट समाज को नहीं दी जाती, जबकि राजस्थान के जाट समाज को यह लाभ मिलता है।
भेदभाव का आरोप
केजरीवाल ने कहा कि यह स्थिति दिल्ली के जाट समाज के साथ अन्याय है। उन्होंने इसे “जले पर नमक छिड़कने जैसा” बताया। उन्होंने कहा कि:
- राजस्थान के जाट समाज को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल किया गया है।
- लेकिन दिल्ली के जाट समाज को इससे वंचित रखा गया है।
10 सालों में 4 बार किए गए वादे
केजरीवाल ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने कई बार दिल्ली के जाट समाज को ओबीसी लिस्ट में शामिल करने का वादा किया:
- 26 मार्च 2015: प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के जाट नेताओं को अपने आवास पर बुलाकर आश्वासन दिया।
- 8 फरवरी 2017: यूपी चुनाव से पहले वीरेंद्र सिंह के घर पर फिर से वादा किया गया।
- 2019 लोकसभा चुनाव: दिल्ली में प्रवेश वर्मा के आवास पर जाट नेताओं को वादा दिया गया।
- 2022: गृह मंत्री अमित शाह ने सैकड़ों जाट समुदाय के लोगों से मुलाकात कर उन्हें आश्वासन दिया।
वादा निभाने में असफलता
केजरीवाल ने कहा कि हर चुनाव से पहले भाजपा को जाट समाज की याद आती है, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद वादे भुला दिए जाते हैं। उन्होंने इसे जाट समाज के साथ धोखा करार दिया।
पीएम को लिखी चिट्ठी
केजरीवाल ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखकर उनके वादे याद दिलाए हैं और मांग की है कि दिल्ली के जाट समाज को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा:
- दिल्ली के अन्य समुदाय जैसे रावत, रेनियर, रायतवार जैसे 5 समाज भी ओबीसी सूची में शामिल नहीं हैं।
- इन समुदायों को भी लिस्ट में जोड़ने की मांग की गई है ताकि इन्हें शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिल सके।
केजरीवाल की अपील
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारा निवेदन है कि भाजपा पिछले 10 सालों से जो जाट समाज के साथ धोखा करती आ रही है, वह बंद हो। जाट समाज और अन्य समुदायों को उनका हक मिलना चाहिए। अगर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री इस तरह झूठे वादे करते रहेंगे, तो देश में विश्वास की कमी हो जाएगी।”
क्या है आगे की राह?
जाट समाज ने भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है और आरक्षण की मांग को लेकर केंद्र सरकार से जल्द कदम उठाने की अपील की है। अगर इस मुद्दे पर कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले समय में यह एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है।