
दिल्ली विधानसभा चुनाव:
- महिला सुरक्षा और सम्मान के लिए किए गए वादे केवल कागजों तक सीमित
दिल्ली, 09 जनवरी 2025। दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। हर राजनीतिक दल अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए जनता से तरह-तरह की गारंटियां और वादे कर रहा है। लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर जनता का गुस्सा साफ दिखाई दे रहा है।
जनता ने गिनाए झूठे वादे
दिल्लीवासियों ने आम आदमी पार्टी के पिछले कार्यकाल को “झूठे वादों की टोकरी” बताया है। जनता का कहना है कि सरकार ने जितने वादे किए, उनमें से अधिकांश पूरे नहीं किए। महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा, और बुजुर्गों के कल्याण जैसे मुद्दों पर आप सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
महिलाओं और बुजुर्गों के साथ छल
- महिलाओं का कहना है कि महिला सुरक्षा और सम्मान के लिए किए गए वादे केवल कागजों तक सीमित रहे।
- बुजुर्गों का आरोप है कि सरकार ने पेंशन और कल्याण योजनाओं के नाम पर उनके साथ छल किया।
- शिक्षा के क्षेत्र में भी आप सरकार की नीति पर सवाल उठाए जा रहे हैं। जनता का कहना है कि सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने के दावे झूठे हैं।
जनता ने आप की “फितरत” को पहचाना
दिल्ली के लोग अब आम आदमी पार्टी की “फितरत” को पहचान चुके हैं। जनता का कहना है कि आप सरकार ने कोई ठोस काम नहीं किया और केवल प्रचार के माध्यम से लोगों को भ्रमित किया। एक नागरिक ने कहा, “आप ने केवल झूठे सपने दिखाए, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं बदला।”
चुनावी गारंटियों का दौर
चुनावों को देखते हुए, राजनीतिक पार्टियों ने जनता को लुभाने के लिए गारंटियों का सिलसिला शुरू कर दिया है। हालांकि, जनता का कहना है कि वह अब केवल वादों के बजाय जमीनी हकीकत पर वोट करेगी।
क्या कहती है जनता?
दिल्ली की जनता अब बदलाव चाहती है। उनका कहना है कि उन्होंने आप सरकार को बार-बार मौका दिया, लेकिन यह सरकार उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सकी। एक महिला ने कहा, “महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें हुईं, लेकिन दिल्ली आज भी सुरक्षित नहीं है।”
आने वाले चुनावों पर नजर
दिल्ली में विधानसभा चुनाव इस बार खासे दिलचस्प रहने वाले हैं। जनता ने आम आदमी पार्टी को खुली चुनौती दे दी है। क्या जनता का यह गुस्सा चुनाव परिणामों पर असर डालेगा, यह देखना अभी बाकी है।