वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 377 के खतरनाक स्तर पर

धूल फैलाने वाले काम पूरी तरह से रोक दिए गए हैं।
नई दिल्ली, 9 जनवरी। दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का तीसरा चरण लागू कर दिया गया है। यह निर्णय CAQM (Commission for Air Quality Management) द्वारा लिया गया, जब राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 377 के खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। GRAP 3 लागू होने से पहले, GRAP 1 और GRAP 2 पहले ही प्रभावी थे।
क्या है GRAP 3?
GRAP 3, वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति से निपटने के लिए लागू किया जाने वाला एक आपातकालीन प्रबंधन चरण है। इसके तहत कई सख्त कदम उठाए जाते हैं ताकि प्रदूषण के स्तर को तेजी से कम किया जा सके।
GRAP 3 के तहत लागू प्रमुख दिशानिर्देश:
- निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर प्रतिबंध: बड़े निर्माण कार्य, तोड़फोड़ और धूल फैलाने वाले काम पूरी तरह से रोक दिए गए हैं।
- कोयला और लकड़ी आधारित उद्योगों पर रोक: गैर-जरूरी उद्योग जो कोयला और लकड़ी का उपयोग करते हैं, उन्हें बंद करने के आदेश दिए गए हैं।
- सफाई और जल छिड़काव: सड़कों पर धूल को कम करने के लिए मैकेनाइज्ड सफाई और जल छिड़काव किया जाएगा।
- वाहनों पर सख्ती: प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा और उन्हें सड़कों से हटाया जाएगा।
पहले से लागू GRAP 1 और GRAP 2 के प्रावधान:
- सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना: सरकार ने मेट्रो और बस सेवाओं में बढ़ोतरी करने के निर्देश दिए हैं ताकि लोग निजी वाहनों का कम उपयोग करें।
- कचरा जलाने पर रोक: कचरा और पराली जलाने को रोकने के लिए सख्त निगरानी की जा रही है।
- सड़कों की सफाई: सड़कों पर धूल और गंदगी को हटाने के लिए नियमित सफाई और पानी का छिड़काव किया जा रहा है।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए अधिकारियों की अपील:
प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे:
- कारपूलिंग करें और सार्वजनिक परिवहन का अधिकतम उपयोग करें।
- अपने निजी वाहनों का उपयोग कम से कम करें।
- घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) करने का विकल्प अपनाएं।
- गैर-जरूरी वाहनों और जनरेटर का उपयोग न करें।
दिल्ली में AQI का खतरनाक स्तर:
दिल्ली का औसत AQI 377 है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। यह स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है, विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा या हृदय रोग जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए।
प्रदूषण रोकने के लिए और क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय भी कारगर हो सकते हैं:
- स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना।
- सार्वजनिक परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक बसों और वाहनों की संख्या बढ़ाना।
- पराली जलाने की समस्या को जमीनी स्तर पर हल करना।
- अधिक से अधिक पेड़ लगाना और ग्रीन बेल्ट विकसित करना।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या गंभीर है और इसे रोकने के लिए सरकार और जनता, दोनों को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है।