कैबिनेट मंत्री ने परियोजना के पहले चरण में गांव सकतपुर, गैरतपुरबास, सिकोहपुर व नोरंगपुर में अरावली के डिग्रेडिड क्षेत्र में ढाई हजार एकड़ भूमि चिन्हित करने के दिए निर्देश
गुरुग्राम, 10 जनवरी।
हरियाणा के पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने शुक्रवार को गुरुग्राम के अरावली पर्वतीय श्रृंखला में प्रस्तावित जंगल सफारी परियोजना की साइट का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को परियोजना के सुचारू रूप से क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
राव नरबीर सिंह ने गुरुवार को चंडीगढ़ में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की थी, जिसमें जंगल सफारी पर तेजी से कार्य करने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद शुक्रवार को उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ साइट का निरीक्षण किया और परियोजना की प्रगति की समीक्षा की।
पहले चरण में ढाई हजार एकड़ भूमि चिन्हित करने के दिए निर्देश
मंत्री राव नरबीर सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जंगल सफारी परियोजना के पहले चरण में गांव सकतपुर, गैरतपुरबास, सिकोहपुर और नोरंगपुर में अरावली पर्वतीय श्रृंखला के डिग्रेडिड क्षेत्र में ढाई हजार एकड़ भूमि को चिन्हित किया जाए। इस प्रक्रिया के दौरान यह सुनिश्चित किया जाए कि धोक के जंगल को नुकसान न पहुंचे।
उन्होंने यह भी कहा कि परियोजना के पहले चरण में ईको टूरिज्म के तहत पर्यटकों की सुविधाओं के लिए आवश्यक मूलभूत सुविधाएं चिन्हित भूमि पर ही स्थापित की जाएंगी। राव ने यह स्पष्ट किया कि हमें अरावली क्षेत्र की प्राकृतिक संरचना को प्रभावित किए बिना कार्य करना होगा।
ईको-टूरिज्म के लिए अपार संभावनाएं
राव नरबीर सिंह ने कहा कि दिल्ली के पास स्थित इस क्षेत्र में ईको टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को इस दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित किया ताकि इस क्षेत्र को पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री द्वारा परियोजना का जिम्मा सौंपा गया
मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी ने इस परियोजना की जिम्मेवारी सैद्धांतिक रूप से पर्यटन विभाग से लेकर वन्य एवं वन्य जीव विभाग को सौंप दी है। इससे पहले मंत्री राव नरबीर सिंह ने अरबेनियन ग्रीन वाल परियोजना का अवलोकन किया था और इसे अरावली पर्वतीय श्रृंखला में लागू करने के लिए कदम बढ़ाए थे।
इस अवसर पर हरियाणा वन विभाग के पीसीसीएफ विवेक सक्सेना, गुरुग्राम के वन संरक्षक सुभाष यादव, डीएफओ गुरुग्राम राजकुमार, डीएफओ नूह प्रदीप सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।जंगल सफारी परियोजना अरावली क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ावा देने और ईको टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। यह परियोजना पर्यटकों को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करने के साथ-साथ क्षेत्र की पारिस्थितिकी और वन्य जीवन की रक्षा भी करेगी।