नशीली दवाओं की तस्करी और लत से निपटने के प्रयासों की समीक्षा
चंडीगढ़, 11 जनवरी:
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ वर्चुअल बैठक में भागीदारी: हरियाणा ने नशीली दवाओं के खिलाफ की ठोस कार्रवाई
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई वर्चुअल बैठक में भाग लिया, जिसमें राज्य के नशीली दवाओं की तस्करी और लत से निपटने के प्रयासों की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर हरियाणा सरकार द्वारा इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा ने नशीली दवाओं की तस्करी और नशे की लत से निपटने के लिए उत्तरी भारत में सहयोग को और मजबूत करने के उद्देश्य से अंतरराज्यीय सचिवालय की स्थापना की है। इस पहल का उद्देश्य राज्य और अन्य राज्यों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है, ताकि तस्करी और नशे से जुड़ी समस्याओं का प्रभावी समाधान किया जा सके।
पहले 48 प्रतिशत थी, अब बढ़कर 54 प्रतिशत हो गई है।
मुख्यमंत्री सैनी ने यह भी बताया कि राज्य में नशीली दवाओं के मामलों में सजा की दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो पहले 48 प्रतिशत थी, अब बढ़कर 54 प्रतिशत हो गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि हरियाणा में इस तरह के अपराधों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई में सुधार आया है और तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
हरियाणा के 3,445 गांव और 774 वार्ड नशामुक्त घोषित किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अब तक हरियाणा के 3,445 गांव और 774 वार्ड नशामुक्त घोषित किए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त, राज्य में 161 नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां नशे के आदी लोगों को इलाज और पुनर्वास की सुविधा मिल रही है। राज्य पुलिस और प्रशासन ने 50 करोड़ रुपये से अधिक की नशीली दवाओं की जब्ती भी की है, जो तस्करी के खिलाफ राज्य की कठोर नीति को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने न्यायिक प्रक्रिया को तेज करने के लिए फास्ट-ट्रैक कोर्ट और त्वरित फोरेंसिक रिपोर्ट की व्यवस्था शुरू की है। इससे नशीली दवाओं के मामलों में कानूनी कार्यवाही में तेजी आई है और अपराधियों को शीघ्र सजा मिल रही है।
पूरे देश में नशीली दवाओं के खिलाफ एक मजबूत संदेश
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि राज्य सरकार का यह प्रयास न सिर्फ हरियाणा, बल्कि पूरे देश में नशीली दवाओं के खिलाफ एक मजबूत संदेश देने का काम करेगा। हरियाणा सरकार की यह प्रतिबद्धता है कि राज्य को नशे से मुक्त किया जाए और तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।