बच्चों और महिलाओं की हुई मौज

दिल्ली-एनसीआर में निकली धूप: किसानों को राहत
गुरुग्राम, 12 जनवरी।
बरसात के बाद आज सुबह हरियाणा के गुरुग्राम में सूर्य देवता के दर्शन हुए, जिससे हर आयु वर्ग के लोगों को राहत मिली। सुबह की तेज धूप ने न केवल सर्दी से ठिठुर रहे लोगों को गर्मी का अहसास कराया, बल्कि बीते दिनों की बारिश से उपजी असुविधाओं को भी कम किया।
बच्चों की मौज-मस्ती
आज का दिन खासकर बच्चों के लिए बेहद खुशहाल रहा। सोसाइटियों के पार्कों में बच्चे मस्ती और खेलते नजर आए। स्कूलों में छुट्टी होने की वजह से पार्कों में रौनक बढ़ गई। बच्चे क्रिकेट, फुटबॉल और अन्य खेलों का आनंद लेते दिखे। बारिश के कारण घरों में बंद बच्चे आज धूप निकलने पर खुलकर खेल सके।
घरेलू महिलाओं को मिली राहत
घरेलू महिलाओं ने भी इस धूप का पूरा लाभ उठाया। बीते दिनों बारिश के चलते कपड़े सुखाने और रोजमर्रा के कामों में मुश्किलों का सामना कर रही महिलाओं को आज धूप में बैठकर राहत मिली। महिलाएं घरों की छतों और आंगनों में बैठकर आराम करती और आपस में बातचीत करती नजर आईं।
ग्रामीण क्षेत्रों में दिखी चहल-पहल
ग्रामीण इलाकों में भी धूप का खुशनुमा असर देखने को मिला। बच्चे और बुजुर्ग आग तापते और धूप का आनंद लेते नजर आए। महिलाएं काम से फुर्सत निकालकर धूप में बैठकर आराम करती दिखीं। बारिश के बाद आज का दिन ग्रामीणों के लिए राहत और सुकून भरा रहा।
किसानों ने ली फसलों का जायजा
गुरुग्राम और आसपास के ग्रामीण इलाकों में किसानों ने आज अपनी फसलों का निरीक्षण किया। एक दिन की बारिश ने सरसों की फसल को कुछ नुकसान पहुंचाया, लेकिन गेहूं और चने की फसल के लिए यह बारिश फायदेमंद साबित हुई। किसान खेतों में टहलते हुए फसल की स्थिति का जायजा लेते और सूर्य देव को प्रणाम करते दिखे।
शहर में बढ़ी चहल-पहल
बारिश के कारण जमा हुए कीचड़ के बावजूद धूप निकलने से गुरुग्राम की गलियों और सड़कों पर चहल-पहल बढ़ गई। लोग अपने जरूरी कामों के लिए घरों से बाहर निकले और बाजारों में रौनक नजर आई।
मौसम के बदलने से खुशहाल दिन
आज का दिन हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए सुकून भरा रहा। ठंड और बारिश के बाद इस तरह की धूप ने सभी को राहत दी। बच्चों, महिलाओं और किसानों ने इस खुशनुमा मौसम का भरपूर आनंद उठाया।
सर्दियों के बीच बारिश और ठंड ने भले ही लोगों की दिनचर्या को प्रभावित किया हो, लेकिन आज की धूप ने उन्हें राहत और आनंद का मौका दिया। चाहे बच्चे हों, महिलाएं या किसान—हर किसी ने इस दिन को अपने अंदाज में जिया।