गुरुग्राम: घटिया सामग्री से बने फ्लाईओवरों पर बड़ी कार्रवाई क्यों नहीं?
गुरुग्राम, 12 जनवरी।
दिल्ली-जयपुर हाईवे पर बने फ्लाईओवरों की बार-बार खराब स्थिति और टूटने की घटनाओं ने प्रशासन और ठेकेदारों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। खासतौर पर हीरो होंडा चौक, रामपुर, और मानेसर फ्लाईओवरों का बार-बार टूटना और लंबे समय तक बंद रहना जनता के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। बावजूद इसके, ठेकेदारों और संबंधित अधिकारियों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है।
हीरो होंडा फ्लाईओवर: बंद और बदहाल
हीरो होंडा चौक पर बना फ्लाईओवर घटिया सामग्री के कारण कई बार टूट चुका है। यह पिछले सात महीनों से बंद है, और यह पहली बार नहीं है जब इसे बंद किया गया हो। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही और दबाव के चलते इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो पाया है। आरटीआई कार्यकर्ता और पूर्व सैनिक रमेश यादव ने आरोप लगाया कि ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत के कारण घटिया सामग्री का उपयोग हुआ है।
रामपुर और मानेसर फ्लाईओवर की भी वही कहानी
दिल्ली-जयपुर हाईवे पर बना रामपुर फ्लाईओवर भी कई बार टूट चुका है। इसे बार-बार मरम्मत के लिए बंद किया गया, लेकिन ठोस कदम नहीं उठाए गए। इसी तरह, मानेसर फ्लाईओवर भी बार-बार टूटने के कारण कई महीनों तक बंद रहा है। मानेसर के रमेश यादव ने कहा, “सरकार इन फ्लाईओवरों पर करोड़ों रुपए खर्च करती है, लेकिन घटिया सामग्री के कारण ये लंबे समय तक टिक नहीं पाते। सरकार को ठेकेदारों और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”
नेशनल हाईवे अथॉरिटी पर मिलीभगत के आरोप
मानेसर के निवासी सुखबीर नंबरदार का कहना है कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अधिकारी ठेकेदारों के साथ मिले हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि न केवल दिल्ली-जयपुर हाईवे बल्कि देशभर में नेशनल हाईवे पर बने फ्लाईओवरों में घटिया सामग्री का इस्तेमाल हो रहा है। “गुरुग्राम जिले में दिल्ली-जयपुर हाईवे पर बने 10 फ्लाईओवरों में से 5 बार-बार टूट चुके हैं। इसके निर्माण में करोड़ों रुपए खर्च हुए, लेकिन इसके बावजूद जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है,” नंबरदार ने कहा।
यात्रियों को झेलनी पड़ रही है परेशानियां
फ्लाईओवरों के बंद रहने के कारण यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होती है। यात्रियों को घंटों तक जाम में फंसना पड़ता है। इससे न केवल लोगों का समय बर्बाद होता है बल्कि उनकी सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाती है।
जनता की मांग: सख्त कार्रवाई और जवाबदेही
आरटीआई कार्यकर्ता रमेश यादव और स्थानीय निवासियों का कहना है कि ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत को उजागर करना बेहद जरूरी है। यादव ने कहा कि रामपुर और मानेसर फ्लाईओवर के बार-बार टूटने के बावजूद ठेकेदारों और संबंधित अधिकारियों पर केवल लीपापोती की जाती है। देवेंद्र यादव ने मांग की कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर दोषी ठेकेदारों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें।
सरकार की भूमिका और भविष्य की राह
हालांकि सरकार ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी को कड़े निर्देश दिए हैं, लेकिन अभी तक किसी ठोस कार्रवाई का नतीजा नहीं दिखा है। यह जरूरी है कि सरकार निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सख्त निगरानी व्यवस्था लागू करे।
दिल्ली-जयपुर हाईवे पर बने फ्लाईओवरों की खराब स्थिति ने सरकार और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनता की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए दोषी ठेकेदारों और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है। इससे न केवल सरकारी धन की बर्बादी रुकेगी, बल्कि भविष्य में गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्यों को भी बढ़ावा मिलेगा