मुंबई पुलिस भर्ती परीक्षा में हाई-टेक नकल ??
नकल करते पकड़ा गया युवक
मुंबई 12 जनवरी। ओशिवारा स्थित रायगढ़ मिलिट्री स्कूल, हॉल नंबर 312, न्यू लिंक रोड में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां पर आयोजित पुलिस भर्ती परीक्षा के दौरान 22 वर्षीय कुशना दलवी नामक अभ्यर्थी को नकल करते हुए पकड़ा गया। यह घटना परीक्षा में पारदर्शिता और ईमानदारी पर सवाल खड़े करती है।
आरोपी का परिचय
आरोपी कुशना दलवी जालना जिले के भोकरदन तालुका के मानपुर गांव का रहने वाला है। वह मुंबई पुलिस में भर्ती होने के लिए परीक्षा दे रहा था।
नकल का हाई-टेक तरीका
कुशना ने परीक्षा के दौरान माइक्रोफोन डिवाइस का इस्तेमाल किया। उसने यह डिवाइस अपने कान में छिपा रखी थी, जिसकी मदद से वह परीक्षा के सवालों के उत्तर बाहर से सुन रहा था। यह नकल का एक अत्यधिक तकनीकी और संगठित तरीका था, जो परीक्षा के निष्पक्ष संचालन को प्रभावित कर सकता था।
पकड़े जाने की प्रक्रिया
परीक्षा केंद्र पर तैनात पर्यवेक्षक पुलिसकर्मियों ने कुशना की संदिग्ध हरकतों पर ध्यान दिया। उसकी बॉडी लैंग्वेज और बार-बार कान के पास हाथ ले जाने की गतिविधियों ने पर्यवेक्षकों को सचेत किया। तुरंत कार्रवाई करते हुए उसकी जांच की गई, जिसमें कान में छिपी माइक्रोफोन डिवाइस का खुलासा हुआ।
डिवाइस के साथ पकड़ा गया
पुलिस ने डिवाइस को जब्त कर लिया और आरोपी को हिरासत में ले लिया। शुरुआती पूछताछ में कुशना ने स्वीकार किया कि वह इस डिवाइस के जरिए परीक्षा में नकल कर रहा था।
कानूनी कार्रवाई शुरू
कुशना दलवी के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि क्या इस घटना में कोई और व्यक्ति या गिरोह शामिल था, जो अभ्यर्थियों को नकल कराने के लिए हाई-टेक उपकरण उपलब्ध कराता है।
परीक्षा प्रक्रिया पर सवाल
यह घटना परीक्षा की सुरक्षा और पारदर्शिता को लेकर कई सवाल खड़े करती है। परीक्षाओं में नकल को रोकने के लिए तकनीकी सुरक्षा उपायों और सख्त निगरानी की आवश्यकता एक बार फिर से उजागर हुई है।
मुंबई पुलिस और अन्य संबंधित विभाग इस घटना से सबक लेकर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और अधिक सख्त कदम उठाएंगे। इस मामले ने यह भी साबित किया है कि हाई-टेक उपकरणों का दुरुपयोग बढ़ रहा है, जिससे परीक्षाओं में अनुचित साधनों का सहारा लिया जा रहा है।यह घटना न केवल परीक्षा प्रक्रिया को कठोर बनाने की मांग करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि नकल को रोकने के लिए समाज और प्रशासन को मिलकर काम करना होगा।